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पुलवामा के गुनहगारों को सजा जरुर मिलेगी : प्रधानमंत्री

- बड़ा फैसलाः भारत ने पाकिस्तान से वापस लिया व्यापार में 'सबसे वरीयता राष्ट्र ' का दर्जा - पाक उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में किया गया तलब, कहा-जैश के खिलाफ हो कार्रवाई - हमले से आहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा-अब घाटी में सुरक्षा बलों को कार्रवाई की छूट - आतंकी संगठनों और उनके सरपरस्तों ने बहुत बड़ी गलती की, दी जाएगी अपराध की सजा - केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्पचक्र अर्पित कर एक शहीद जवान को दिया कंधा - राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मिले सैन्य और एजेंसियों के अधिकारियों से - कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- संकट की घड़ी, हम सरकार की हर कार्रवाई में साथ

पुलवामा के गुनहगारों को सजा जरुर मिलेगी : प्रधानमंत्री
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Image Credit : ANI Tweet


नई दिल्ली। पुलवामा हमले के 24 घंटे के भीतर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। फौरी तौर पर भारत ने पाकिस्तान से व्यापार में सबसे वरीयता राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया। अब पड़ोसी देश से आने वाली वस्तुओं पर भारत सीमा शुल्क बढ़ा सकेगा। यह फैसला शुक्रवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक में किया गया।

फैसले की जानकारी केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दी। भारत ने पाकिस्तान को वर्ष 1996 में यह दर्जा प्रदान किया था। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। गुरुवार को कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 48 जवानों की शहादत से पूरे देश में गुस्सा है। जवानों की शहादत से आहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कड़े लहजे में आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को चेताया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "गुनहगारों को सजा मिलेगी।"

पुलवामा हमले पर सख्त नाराजगी जताते हुए भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय के दफ्तर में तलब किया। भारतीय विदेश सचिव विजय केशव गोखले ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को अपने दफ्तर में बुलाकर कहा कि पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ बिना देरी के प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। विदेश सचिव ने कहा-पाकिस्तानी कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए कि उसकी जांच भी की जा सके। पाकिस्तान को ऐसे किसी भी समूह अथवा व्यक्ति को दी जा रही मदद फौरन रोक देनी चाहिए, जिसका संबंध पाकिस्तान की धरती से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने वाले से है। विदेश सचिव ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान को भी खारिज कर दिया।

बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: मोदी

इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बुंदेलखंड के झांसी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के उद्घाटन मौके पर कहा कि सुरक्षाबलों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सुरक्षाबलों को कार्रवाई की इजाजत दी गई है। पुलवामा हमले के गुनहगार और साजिशकर्ताओं को सजा जरूर मिलेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर कहा, "मैं देश को भरोसा देना चाहता हूं कि हमले के पीछे जो ताकतें हैं, उन्हें सजा अवश्य मिलेगी।"

यह संवेदनशील पल है

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संवेदनशील और भावुक पल है। इस मसले पर पक्ष में या विपक्ष में हम सभी राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें। इस हमले का देश एकजुट होकर मुकाबला कर रहा है। देश एक साथ है। सबकी एक ही आवाज है और यही दुनिया को सुनाई देना चाहिए, क्योंकि लड़ाई हम जीतने के लिए कर रहे हैं। मोदी ने कहा-130 करोड़ हिन्दुस्तानी साथ हैं। कई देशों ने पुलवामा हमले की निंदा की है और भारत को समर्थन देने की भावना जताई है। भारत इन देशों का आभारी है। मैं सभी का आह्वान करता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ सभी मानवतावादी शक्तियों को एक होकर लड़ना होगा।

लोगों का खून खौल रहा है

मोदी ने कहा कि इस हमले से लोगों का खून खौल रहा है। यह वह समझ रहे हैं। इस समय जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो स्वाभाविक हैं। हमने सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दे दी है। हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है।

राजनाथ सिंह श्रीनगर में

पुलवामा हमले के बाद शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़गाम में शहीद सीआरपीएफ जवानों की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया। इसके बाद एक शहीद जवान की पार्थिव देह को कंधा दिया। नई दिल्ली से यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले गृहमंत्री ने श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लिया। सीआरपीएफ के जवानों की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटे ताबूतों में रखी गईं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, गृह सचिव राजीव गौबा, सीआरपीएफ महानिदेशक आर.आर. भटनागर, सेना के नॉर्दर्न कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की। राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र बहादुर सीआरपीएफ जवानों के सर्वोच्च बलिदान को नहीं भूलेगा। बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

जम्मू में प्रदर्शन, आगजनी, कर्फ्यू

सीआरपीएफ हमले के बाद जम्मू में लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया। फिदायीन हमले के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगह गाड़ियां भी फूंकी गई हैं। प्रशासन ने इंटरनेट सेवा पर रोक लगाते हुए शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना ने लोगों से सहयोग की अपील की है।

एनएसजी-एनआईए के अफसर पहुंचे

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। इलाके में ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं। सुरक्षाबल हमले से जुड़े साक्ष्य जुटा रहे हैं। आसपास के घरों और दूसरी संभावित जगहों पर संदिग्धों की तलाश के लिए सघन अभियान चलाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी सुरक्षाबलों और एजेंसियों के साथ रणनीति तय की है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अफसर भी श्रीनगर पहुंच गए हैं। दोनों एजेंसी के विशेषज्ञों और जांचकर्ताओं की टीम भी हमले से संबंधित साक्ष्य जुटाएगी।

उत्तर प्रदेश के 12 जांबाज

इस हमले में शहीद जवानों में 12 जांबाज उत्तर प्रदेश के हैं। राज्‍य सरकार ने शहीद जवानों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। इसके अलावा जवानों के पैतृक गांव की सड़क का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। शहीद जवानों में चंदौली के अवधेश, इलाहाबाद के महेश, शामली के प्रदीप और अमित कुमार, वाराणसी के रमेश यादव, आगरा के कौशल कुमार यादव, उन्नाव के अजीत कुमार, कानपुर देहात के श्याम बाबू, कन्नौज के प्रदीप सिंह और देवरिया के विजय मौर्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। हर शहीद के अंतिम संस्कार में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री मौजूद रहेगा।

मप्र ने किया एक करोड़ देने का ऐलान

हमले में शहीद जवानों में एक मध्य प्रदेश के जबलपुर के अश्विनी कुमार काछी भी हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अश्विनी की शहादत को नमन करते हुए उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, घर और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। उधर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमले की निंदा की है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि संकट की घड़ी में हम एकजुट हैं। यह हिन्दुस्तान की आत्मा पर हमला है। हम सरकार की हर कार्रवाई में साथ हैं।

झारखंड, हिप्र, तमिलनाडु और त्रिपुरा की सरकारों ने किया मदद का ऐलान

झारखंड सरकार ने प्रत्येक शहीद के परिवार को 10 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।तमिलनाडु सरकार ने प्रत्येक शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। इसी तरह त्रिपुरा सरकार ने प्रत्येक शहीद के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

शहीद के घर पहुंचे मंत्री

शहीद होने वालों में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के 31 वर्षीय तिलकराज भी शामिल हैं। वह छुट्टी के बाद दो दिन पहले ड्यूटी पर लौटे थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कायरतापूर्ण हमले की निंदा की और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए अपने कैबिनेट मंत्री किशन कपूर और विधायक अर्जुन सिंह को शहीद के घर भेजा है। राज्य सरकार ने प्रत्येक शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराने का ऐलान किया है।

पाकिस्तान उच्चायोग की सुरक्षा कड़ी की गई, सीआरपीएफ तैनात

पुलवामा हमले के बाद देश में रोष और गुस्से के माहौल के मद्देनजर दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सीआरपीएफ को तैनात किया गया है। हमले के विरोध में पाकिस्तानी उच्चायोग पर प्रदर्शन करने जा रहे कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है।

मथुरा में सुरक्षा बढ़ाई गई

आंतकी हमले के बाद शुक्रवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान, रिफाइनरी समेत अन्य संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने दी। उन्होंने कहा कि जन्मस्थान परिसर स्थित सभी मंदिरों, शाही ईदगाह, तेलशोधक कारखाने के अलावा वृन्दावन, गोवर्धन और बरसाना के भीड़भाड़ वाले सभी मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

Updated : 15 Feb 2019 3:50 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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