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ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम में पीएम मोदी बोले - भारत-रूस के साथ मिलकर बढ़ाएगा विकास की रफ्तार

ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम में पीएम मोदी बोले - भारत-रूस के साथ मिलकर बढ़ाएगा विकास की रफ्तार
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व्लादिवोस्तोक। पीएम मोदी ने 20वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। पीएम मोदी का यह रूस दौरा काफी अहम है क्योंकि इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पहले दिन पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने व्यापार एवं निवेश, तेल एवं गैस, खनन, परमाणु ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, परिवहन आधारभूत ढांचा, हाई-टेक, बाहरी अंतरिक्ष और लोगों के बीच सम्पर्क के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। आज पीएम मोदी के रूस दौरे का अखिरी दिन है।

पीएम मोदी ने रूस दौर के आखिरी दिन गुरुवार को पांचवें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के मंच पर पूरी दुनिया के सामने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने फोरम को संबोधित करते हुए कहा 'भारत, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत 5 ट्रिलियन डॉलर का अर्थव्यवस्था बनने के लिए आगे बढ़ रहा है। साल 2024 तक भारत इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं ।

पीएम मोदी ने कहा 'भारत और रूस के साथ आने पर विकास की रफ्तार को 1+1= 11 बनाने का मौका है। हाल ही में भारत के कई नेता यहां पर आए और कई विषयों पर चर्चा की।'

पीएम मोदी ने कहा 'भारत सरकार एक्ट ईस्ट मिशन पर काम कर रही है। यह हमारी आर्थिक कूटनीति को भी एक नया आयाम देगा। पूर्वी हिस्से में विकास के लिए भारत 1 बिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देगा।'

पीएम मोदी ने कहा ' पुतिन ने इस कार्यक्रम के लिए मुझे भारत में चुनाव से पहले ही निमंत्रण दे दिया था। देश के 130 करोड़ लोगों ने मुझपर भरोसा जताया है। मुझे राष्ट्रपति पुतिन के साथ रूस की प्रतिभा को जानने का मौका मिला। इससे मैं काफी प्रभावित हुआ हूं। भारत और पूर्वी हिस्से का रिश्ता काफी पुराना है, भारत पहला देश है जिसने यहां पर अपना दूतावास खोला है।'

मोदी ने कहा कि सोवियत यूनियन के समय भी भारत-रूस का काफी रिश्ता मजबूत था। व्लादिवोस्तोक दोनों देशों के लिए एक अहम स्थान बना है, भारत ने यहां पर एनर्जी सेक्टर और दूसरे उघयोग में निवेश किया है।पीएम मोदी ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन की रूस के सुदूर हिस्से के लिए रुचि काफी ज्यादा है, जो उनकी नीति में झलकती है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत कदम से कदम मिलाकर रूस के साथ चलना चाहता है।

पीएम मोदी ने इस दौरान बताया कि रूस के इस पूर्वी हिस्से के सभी 11 गवर्नरों को भारत आने का न्योता दिया है। आज दोनों देशों के संबंध ऐतिहासिक मुकाम पर हैं। भारत और रूस मिलकर स्पेस की दूरियां पार करेंगे और समंदर की गहराइयों को मापेंगे। जल्द ही चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच शिप चलेंगे।'

इस दौरान पुतिन ने कहा कि भारत, चीन, कोरिया, मलेशिया, जापान, मंगोलिया जैसे देशों का हमारे साथ अटूट संबंध है। आने वाले दशकों में एशिया पैसेफिक रीजन के देशों का दुनिया पर काफी बड़ा प्रभाव होगा।

Updated : 5 Sep 2019 9:19 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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