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राष्ट्रवादी अभियान पर बोले पीएम मोदी - 21वीं सदी भारत की होगी'

राष्ट्रवादी अभियान पर बोले पीएम मोदी - 21वीं सदी भारत की होगी
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नई दिल्ली। कोलकाता दौरे पर गए पीएम मोदी ने कहा कि 'बिप्लोबी भारत' नाम से एक म्यूजियम बनाया जाना चाहिए, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अरबिंदो घोष, रास बिहारी बोस, खुदीराम बोस, देशबंधु, बाघा जतीन, बिनॉय दिनेश इन सभी महान स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने दो दिवसीय दौरे के लिए कोलकाता पहुंचे। उन्होंने वहां के राजभवन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इसके बाद दिन में पीएम मोदी सीआईआई के प्रतिनिधिमंडल से भी मिले।

पीएम मोदी ने शनिवार को कोलकाता में बिताए पुराने समय को याद करते हुए कहा, 'संस्कृति और साहित्य की तरंग और उमंग से भरे कोलकाता के इस वातावरण में आकर मन और मस्तिष्क आनंद से भर जाता है। यह एक प्रकार से मेरे लिए खुद को तरोताजा करने का और बंगाल की वैभवशाली कला और सांस्कृतिक पहचान को नमन करने का अवसर है। केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने नए रंग-रूप में रखे, ताकि भारत दुनिया में हैरिटेज टूरिज्म का बड़ा सेंटर बनकर उभरे।'

मोदी ने कहा, 'आज भारत की कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में एक बहुत अहम दिवस है। भारत की कला, संस्कृति अपने हैरिटेज को 21वीं सदी के अनुसार संरक्षित करने और उन्हें रिब्रांड, रेनोवेट और रिहाउस करने का आज राष्ट्रवादी अभियान पश्चिम बंगाल की मिट्टी से शुरू हो रहा है। अभी जब प्रदर्शनी देखी तो ऐसा लगा था जैसे मैं उन पलों को स्वयं जी रहा हूं जो उन महान चित्रकारों, कलाकारों, रंगकारों ने रचे हैं, जिए हैं। बांग्लाभूमि की, बंगाल की मिट्टी की इस अद्भुत शक्ति, मोहित करने वाली महक को मैं नमन करता हूं।'

इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने ऐतिहासिक हावड़ा ब्रिज पर लाइट ऐंड साउंड शो का शुभारंभ किया। इस दौरान वहां रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पीएम मोदी यहां से नाव के जरिए बेलूर मठ गए।

पीएम ने कहा, 'अभी हम सभी ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की 200वीं जयंती मना रहे हैं। इसी तरह 2022 में जब भारत की आजादी के 75 वर्ष होंगे, तब एक और सुखद संयोग बन रहा है। साल 2022 में महान समाज सुधारक और शिक्षाविद राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती आने वाली है। भारत को आदि शंकराचार्य, थिरुनावुक्कारासार जैसे कवि संतों का आशीर्वाद मिला। अंदाल, अक्का महादेवी, भगवान बशवेश्वर, गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाया गया मार्ग, आज भी हमें प्रेरणा देता है।'

नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए मोदी ने कहा, 'स्वतंत्रता के बाद के दशकों में जो हुआ, नेताजी से जुड़ी जो भावनाएं जो देश के मन में थीं, वो हम सभी भली भांति जानते हैं। नेताजी के नाम पर लाल किले में म्यूजियम बनाया गया। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में एक द्वीप का नामकरण नेताजी के नाम पर किया गया। जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लाल किले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है।'

स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण को याद करते हुए कहा, 'हम सभी को स्वामी विवेकानंद की वह बात हमेशा याद रखनी है, जो उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी में कुछ लोगों से संवाद के दौरान कही थी। स्वामी विवेकानंद ने कहा था- 'अभी वर्तमान सदी भले ही आपकी है, लेकिन 21वीं सदी भारत की होगी'।'

रविंद्रनाथ टैगोर के जरिए भारत के इतिहास का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'गुरुदेव ने अपने एक लेख में एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था- आंधी और तूफान का। उन्होंने लिखा था कि चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया। गुरुदेव टैगोर ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि 'भारत का इतिहास वो नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए पढ़ते हैं, कुछ लोग बाहर से आए, पिता बेटे की हत्या करता रहा, भाई-भाई को मारता रहा, सिंहासन के लिए संघर्ष होता रहा, ये भारत का इतिहास नहीं है'।'

इतिहास का महत्‍व और उससे हुई छेड़छाड़ का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया। राजनीतिक और सैन्य शक्ति तो अस्थाई होती है, लेकिन कला और संस्कृति के जरिए जो जनभावनाएं अभिव्यक्त होती हैं, वो स्थायी होती हैं और इसलिए, अपने समृद्ध इतिहास को, अपनी धरोहर को संजोकर रखना, उनका संवर्धन करना भारत के लिए, हर भारतवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।'

उन्होंने देश में पांच म्यूजियम को इंटरनैशनल स्टैंडर्ड का बनाए जाने की बात करते हुए कहा, 'बिप्लॉबी भारत नाम से म्यूजियम बने, जिसमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस, अरबिंदो घोष, रास बिहारी बोस, खुदी राम बोस, देशबंधु, बाघा जतिन, बिनॉय, बादल, दिनेश, ऐसे हर महान सेनानी को यहां जगह मिलनी चाहिए। यह भी तय किया गया है कि देश के 5 आइकॉनिक म्यूजियम को इंटरनैशनल स्टैंडर्ड का बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक, इंडियन म्यूजियम कोलकाता से की जा रही है।'

इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंचे। कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की। राजभवन में हुई दोनों नेताओं की यह मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली। पीएम से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि उन्होंने कुछ वित्तीय मांगों के साथ पीएम से मुलाकात की। उन्होंने राज्य के हिस्से के 28 हजार करोड़ रुपये मांगे। इसके अलावा पीएम के साथ सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर बात हुई और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा, 'कल स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन है। कुछ लोग उनके नाम पर खुद को चमकाने के लिए दिल्ली से उड़कर चले आते हैं, जबकि हम पूरे साल स्वामीजी की विचारधारा पर काम करते हैं।'

टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट संगठन पीएम मोदी के बंगाल दौरे का विरोध कर रहे हैं। विरोधी दलों ने कोलकाता में जगह-जगह 'गो बैक मोदी' के पोस्टर लगाए हैं। ट्विटर पर भी इसे ट्रेंड करा रहे हैं। खास बात यह है कि पीएम मोदी से मुलाकात के ठीक बाद ममता बनर्जी ने टीएमसी के छात्र संगठन की ओर से सीएए के खिलाफ आयोजित धरने में हिस्सा लिया।

Updated : 11 Jan 2020 12:31 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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