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जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान को चुनौती देने वाली एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है । याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि धारा 370 और 35A को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ इस याचिका को भी सुना जाएगा। याचिका सेना के पूर्व मेजर और मालेगांव ब्लास्ट मामले के आरोपी रमेश उपाध्याय ने दाखिल की है। उल्लेखनीय है कि पिछली 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने धारा 35 A को लेकर अगले वर्ष जनवरी के दूसरे हफ्ते तक के लिए सुनवाई टाल दी थी । केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने पंचायत चुनाव का हवाला देकर सुनवाई टालने की मांग की थी ।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर एएसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राज्य में दिसंबर तक पंचायत चुनाव होने हैं। तुषार मेहता ने कहा कि अगर सितंबर से दिसंबर के बीच पंचायत चुनाव नहीं कराया जाता है तो वित्त आयोग 4335 करोड़ का अनुदान नहीं देगा। केके वेणुगोपाल ने कहा कि पंचायत चुनावों के सुगम संचालन के लिए अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। धारा 35ए पर अगर सुनवाई होती है तो लोगों का गुस्सा भड़क सकता है और इससे कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

एक याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि धारा 35ए से लैंगिक भेदभाव पैदा होता है । जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि कोर्ट इस मामले को सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान बेंच को सौंप सकती है । याचिका डॉ. चारु वली खन्ना ने दायर की है जो एक कश्मीरी पंडित हैं, जिन्होंने अंतर्जातीय विवाह किया है और जम्मू-कश्मीर से बाहर जाकर बस गई हैं । उन्होंने कश्मीर के महाराजा बहादुर के 20 अप्रैल 1927 के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी है जिसमें उस महिला का अधिकार खत्म कर देता है जो पत्नी या विधवा होते हुए राज्य छोड़कर बाहर जाकर बस जाती है ।

उल्लेखनीय है कि पिछले 17 जुलाई 2017 को दिल्ली की एक एनजीओ वी द सिटिजंस द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख रखने से बचने की कोशिश की थी । सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि ये मामला बहुत संवेदनशील है और इस पर बड़ी बहस होनी चाहिए । इसमें संवैधानिक मसले जुड़े हुए हैं इसलिए इसे बड़ी बेंच को सुनवाई के लिए रेफर कर दिया जाना चाहिए । इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है । याचिका में धारा 35ए को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है ।

Updated : 14 Nov 2018 3:43 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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