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मसूद अजहर मामले में जेटली का विपक्ष पर पलटवार

मसूद अजहर मामले में जेटली का विपक्ष पर पलटवार
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नई दिल्ली। मुंबई बम बलास्ट, पुलवामा अटैक, पठानकोट आतंकी हमला सहित भारत में हाल के वर्षों में हुए आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने पर भाजपा नेता अरुण जेटली और निर्मला सीतारमण ने पार्टी का पक्ष रखा।

गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेताओं ने इस घटना पर विपक्ष की प्रतिक्रिया की आलोचना की।पार्टी नेताओं ने कहा कि अपने तथाकथित वोट बैंक के चलते विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, भारतीयों की जान, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे अहम मुद्दों पर राष्ट्र के साथ खड़ा नहीं दिख रहा।

भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि यह हर भारतीय के लिए यह गर्व और शोभा का अवसर होना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि जब देश जीतता है तो हर भारतवासी जीतता है। इसके बावजूद विपक्ष के कुछ मित्रों को लगता है कि यदि इस जीत में शामिल हो गए तो उन्हें इसकी राजनीतिक कीमत चुकानी होगी। इसी के कारण वह सर्जिकल स्ट्राइक पर कहते हैं कि उन्होंने भी अनविजिबल सर्जिकल स्ट्राइक की थी। एयर स्ट्राइक पर वह संदेश खड़ा करते हैं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रयास में देश 10 वर्षों से था उसमें हम सफल हुए तो वे प्रतिक्रिया देते हैं कि ये तो तुच्छ है, इसमें बड़ा क्या है। ऐसी मानसिकता विपक्ष की बनी हुई है। उन्होंने कहा कि विदेश नीति और सुरक्षा नीति पर पहले एकसुर में बोलने की परंपरा थी और पिछले कुछ दिनों में इस परंपरा को तोड़ा गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष भी इसमें सकारात्मक भूमिका निभाए।

भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने कहा भारत मसूद अजहर को काफी लम्बे समय से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रयासरत था। इसमें देरी का कारण भी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को उस भूमि के रूप में पहचानने की आवश्यकता को इंगित करता है जहां 35 से अधिक आतंकवादी संगठन काम कर रहे हैं। मसूद उनमें से एक था। यह प्रधानमंत्री मोदी सरकार के प्रयासों और आतंकवाद के खिालफ जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण संभव हो पाया है।

जेटली ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में जो हुआ वह भारत की कूटीनतिक विजय है। कई दशकों से भारत मजसूद अजहर के निशाने पर था। अनेक आतंकवादी घटनाओं के पीछे उसका और उसके संगठन का हाथ रहा है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले मसूद अजहर के खिलाफ प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन इसमें 2009, 2016 और 2017 में तकनीकी आपत्तियां लगाई गईं और भारत का प्रयास सफल नहीं हो पाया।

जेटली ने कहा कि चीन तकनीकी अवरोध लगाता था लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत की कूटनीतिक सूझबूझ के चलते अब यह संभव हो पाया है। आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए यह बड़ा अवसर बन गया है।

Updated : 2 May 2019 10:10 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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