सुबह 6 बजे हुई शपथ, शाम को हुआ चैलेंज, उपमुख्यमंत्री अजित दे सकते हैं इस्तीफा
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मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र राजनीति में जो कुछ भी शनिवार की सुबह हुआ उसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी। बीजेपी ने एनसपी के साथ मिलकर रातोंरात शिवसेना गठबंधन के मंसूबों पर पानी फेर दिया। जिसके बाद सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेन्द्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई। जबकि, अजीत पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई। लेकिन बैठक के बाद खबर आ रही है की अजित पवार इस्तीफा दे सकते हैं ।
Mumbai: Nationalist Congress Party meet underway at YB Chavan Centre; NCP Chief Sharad Pawar present at the meeting. pic.twitter.com/kP70VKlGjg
— ANI (@ANI) November 23, 2019
हम आपको बता दें कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। तीनों दलों ने गवर्नर की ओर से बीजेपी और अजित पवार को सरकार बनाने को न्यौता दिए जाने को असंवैधानिक बताया है। इसके साथ ही तीनों दलों ने इस शपथ को रद्द किए जाने की भी मांग की है। बता दें कि शुक्रवार शाम को एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने साझा सरकार पर सहमति बनने की बात कही थी, लेकिन शनिवार की सुबह उस वक्त राजनीति में भूचाल आ गया, जब देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन में सीएम पद की शपथ ले ली। फडणवीस ने राजभवन में समर्थन का जो पत्र सौंपा, उसमें बीजेपी के 105 विधायकों के अलावा एनसीपी के कई विधायकों और निर्दलीय विधायकों के नाम शामिल थे। हालांकि अब एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने इसे पार्टी की राय के खिलाफ बताया है तो फिर संशय के बाद छाए हैं। इस बीच देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख रहता है।
संविधान के अनुच्छेद 14 और 32 के तहत याचिका दाखिल कर राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता देने के फैसले को निरस्त करने की मांग की गई है और इसके अलावा यह मांग भी की गई है कि राज्यपाल को निर्देश दिए जाएं कि वह शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दें,क्योंकि उनके पास बहुमत है। साथ ही इसमें कहा गया है, 'याचिकाकर्ता शिवसेना दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जिसके पास 56 सीटें हैं, दूसरी याचिकाकर्ता एनसीपी के पार 54 सीटें हैं और तीसरी याचिकाकर्ता कांग्रेस के पास44 सीटें हैं। याचिकाकर्ता राज्यपाल के मनमाने और दुर्भावनापूर्ण तरीके से उठाए गए कदम के खिलाफ तत्काल राहत दिलाने के लिए अनुच्छेद 32 के तहत रिट पिटीशन डालने को विवश होना पड़ा।' इस याचिका में गृह मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को प्रतिवादी बनाया गया है।
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