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महाबलीपुरम में महामुलाकात : वेष्टि पहने PM ने शी को बताया पुराना संबंध

महाबलीपुरम में महामुलाकात : वेष्टि पहने PM ने शी को बताया पुराना संबंध
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चेन्नई/महाबलीपुरम। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की, जहां दोनों नेता अनौपचारिक शिखर वार्ता करेंगे। राष्ट्रपति शी आज चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। यहां से वह कुछ देर आराम कर 56 किलोमीटर दूर समुद्र तट पर स्थित महाबलीपुरम पहुंचे।

चीन के राष्ट्रपति अपराह्न चार बजे ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के नगर महाबलीपुरम के लिए रवाना हुए थे। महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले पहुंचे और पारंपरिक परिधान में नजर आए। इसके बाद उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी का स्वागत किया।

वहां पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाबलीपुरम के दर्शनीय स्थलों के भ्रमण के दौरान मेहमान नेता के साथ नजर आए। दोनों नेताओं ने महाभारत के प्रसंगों पर आधारित प्राचीन स्मारकों का अवलोकन किया। पल्लव राजवंश के काल में सातवीं और आठवीं शताब्दी में निर्मित इन स्मारकों में अर्जुन का तपस्या स्मारक, पांडव बंधुओं युद्धिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव और द्रोपदी के रथ मंदिर और समुद्र तट पर निर्मित शिव मंदिर शामिल थे। अर्जुन तपस्या स्मारक में अर्जुन को महाभारत युद्ध जीतने के लिए शिव की आराधना करते हुए चित्रित किया गया है। दोनों नेताओं ने कृष्णा बटर बॉल के पास तस्वीर खिंचवाई और एकसाथ हाथ ऊपर करके एकजुटता दिखाई। पंचरथ में बातचीत करते हुए दोनों नेताओं ने नारियल पानी पिया।

इसके बाद दोनों नेता शाम छह बजे संमुद्र तटीय मंदिर में पहुंचे, जहां एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन करेंगे।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखरवार्ता के लिए करीब 24 घंटे चेन्नई-महाबलीपुरम में प्रवास करेंगे। चेन्नई हवाई अड्डा परिसर में उतरने के बाद चीन के राष्ट्रपति का स्वागत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया गया। तमिलनाडु के लोक कलाकार पारंपरिक वाद्य यंत्रों और नृत्य से उनका स्वागत करते हुए दिखाई दिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग तमिलनाडु के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के समुद्र तटीय नगर महाबलीपुरम में बिना किसी पूर्व निर्धारित एजेंडे के विचार-विमर्श करेंगे। वार्ता का उद्देश्य सीमा पर शांति व स्थायित्व कामय रखना और विश्वास बहाली के उपायों को आगे बढ़ाना है। शी जिनपिंग शनिवार दोपहर बाद 1.30 बजे चेन्नई से नेपाल के लिए रवाना हो जायेंगे।

अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अतिव्यापी मुद्दों पर चर्चा जारी रखने और भारत-चीन क्लोजर डेवलपमेंट पार्टनरशिप को गहन बनाने पर विचारों के आदान-प्रदान का एक मंच है।

यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अनौपचारिक शिखरवार्ता के रूप में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक अभिनव प्रयोग है। ऐसी वार्ता के दौरान दो शीर्ष नेता बिना किसी निर्धारित एजेंडे के द्विपक्षीय संबंधों और विश्व मामलों पर खुले दिमाग से विचारों का आदान प्रदान करते हैं। भूटान में डोकलाम क्षेत्र में हुई सैनिक तनातनी के बाद मोदी ने पिछले वर्ष चीन के वुहान नगर में शी जिनपिंग के साथ पहली अनौपचारिक वार्ता की थी। इस वार्ता में आपसी समझदारी और विश्वास के लिए 'वुहान भावना' उभरी थी। दोनों नेता इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ऐसी वार्ताओं में कोई अधिकारी शामिल नहीं होता। वह अधिक से अधिक दुभाषिये को साथ लेते हैं।

Updated : 11 Oct 2019 4:16 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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