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कठिन' सीट पर अब 'चित' करने की चुनौती

सुमित शर्मा

कठिन सीट पर अब चित करने की चुनौती
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भोपाल/स्वदेश वेब डेस्क। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मध्यप्रदेश में 15 और कांग्रेस ने 9 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने जहां अपने वर्तमान चार सांसदों का टिकट काटकर नए चेहरे उतारे हैं तो भाजपा ने भी अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है। इनमें सबसे चौंकाने वाला नाम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का है, जिन्हें कांग्रेस ने 'कठिन' सीट भोपाल से उम्मीदवार बनाया है। अब उनके सामने इस कठिन सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को चित करने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। हालांकि अब तक भाजपा ने भोपाल लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन अब भाजपा किसी दिग्गज नेता को ही भोपाल से चुनाव मैदान में उतारेगी। चर्चा है कि भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ेंगे।

लोकसभा चुनाव में मुकाबला रोचक हो गया है। मध्यप्रदेश की 29 सीटों के लिए भाजपा-कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में भाजपा ने ज्यादातर अपने वर्तमान सांसदों पर ही भरोसा जताया है तो कांग्रेस ने भी ऐसे चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है, जो भाजपा को टक्कर दे सके। कांग्रेस इस बार 25 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही है और इसके लिए उम्मीदवारों का चयन भी उसी तरह से किया जा रहा है। हालांकि विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रत्याशियों के चयन में ऐहतियात बरती थी और उसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने में सफल हो पाई। अब यही फार्मूला वे लोकसभा चुनाव में भी आजमा रहे हैं।

'कठिन' सीट पर जीत की दरकार

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे का मन बना चुके थे, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इच्छा जाहिर की कि दिग्विजय सिंह किसी कठिन सीट से चुनाव मैदान में उतरे। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने उन्हें सबसे कठिन सीट भोपाल से टिकट दिया है। दरअसल भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा लगभग तीन दशकों से जीत दर्ज कर रही है। यह सीट कांग्रेस के लिए बेहद कठिन सीट है। अब भोपाल से जीत दर्ज कराने के लिए कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारकर मुकाबले को बेहद रोचक बना दिया है। भाजपा ने अब तक यहां पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि दिग्विजय सिंह को टक्कर देने के लिए भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान को चुनाव मैदान में उतारेगी। यही कारण है कि अब तक विदिशा सीट को भी होल्ड पर रखा हुआ है। यदि भोपाल से शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ेंगे तो विदिशा सीट पर भाजपा किसी स्थानीय नेता को चुनाव मैदान में उतारेगी। विदिशा सीट भी भाजपा की परंपरागत सीट बन गई है। यह सीट भी कांग्रेस के लिए कठिन सीट है। हालांकि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से भोपाल सीट पर कई अन्य नेताओं ने भी चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की है। इनमें भाजपा के केंद्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित कई अन्य नाम प्रमुख हैं। भोपाल से वर्तमान सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर, उमाशंकर गुप्ता भी दावेदारी जता रहे हैं।

ये है स्थिति

भोपाल संसदीय क्षेत्र के तहत भोपाल की सात एवं सीहोर विधानसभा सीट आती है। इनमें गोविंदपुरा, हुजूर, बैरसिया, नरेला, भोपाल मध्य, भोपाल उत्तर, भोपाल दक्षिण-पश्चिम एवं सीहोर है। इन आठ सीटों में से तीन कांग्रेस के पास है तो पांच पर भाजपा के विधायक हैं। भोपाल लोकसभा क्षेत्र के तहत जातिगत समीकरण भी एक बड़ा फैक्टर है। इस लोकसभा क्षेत्र में विभिन्न जातियां निवासरत हैं। इनमें हिन्दू, अल्पसंख्यकों का वोट प्रतिशत लगभग बराबर है। इसके अलावा यहां पर 15.38 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति की, 2.79 फीसदी अनुसूचित जनजाति है। सामान्य वर्ग का भी बड़ा वर्ग यहां पर है।

Updated : 30 March 2019 8:08 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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