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माँ-बाप का नाम एनआरसी में जुड़ा होने पर बच्चे नहीं जाएंगे डिटेंशन सेंटर

अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत में दी जानकारी

माँ-बाप का नाम एनआरसी में जुड़ा होने पर बच्चे नहीं जाएंगे डिटेंशन सेंटर
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नईदिल्ली। केंद्र सरकार न सर्वौच्च न्यायलय को जानकारी देते हुए बताया की यदि माता पिता का नाम एनआरसी में हैं और उनके बच्चो नहीं हैं तो उन उन बच्चो को असं में डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जायेगा। केंद्र सरकार की ओर से की पैरवी कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी। शीर्ष अदालत को यह जानकारी सोमवार को दी।

उन्होंने कहा की जिन अभिभावकों की नागरिकता मिल चुकी है, उनके बच्चों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा। इस बात की परिकल्पना नहीं कर सकते की बच्चो को उन के परिवार से अलग कर डिटेंशन सेंटर भेजा जायेगा।

अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया ने यह बात चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई एवं जस्टिस सूर्यकान्त की संयुक्त पीठ के सामने शीर्ष अदालत में एक याचिका पर चल रही सुनवाई के दौरान कही। इस याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा उन बच्चों की सुरक्षा की मांग की गई थी, जिनका नाम एनआरसी में शामिल नहीं हो सका था। केंद्र सर्कार ने इस याचिका का जवाब कोर्ट से चार सप्ताह का समय माँगा था।

अदालत ने अपने आदेश में सरकार के इस आश्वासन को दर्ज कर इस याचिका पर डिटेंशन सेंटर भेजने का निर्णय लंबित रखा जाता है।

Updated : 7 Jan 2020 8:12 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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