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उत्तर भारत में लगातार बारिश से बिगड़े हालात, भूस्खलन से 378 सड़कें बाधित

उत्तर भारत में लगातार बारिश से बिगड़े हालात, भूस्खलन से 378 सड़कें बाधित
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल इस समय भारी बारिश के कहर से जूझ रहा है। प्रदेश भर में मूसलाधार बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी बारिश जारी रहने से हालात बदतर हो गए हैं। भूस्खलन के कारण सूबे में 378 सड़कें अवरुद्ध हो गई। वहीं सड़कों को बहाल करने के लिए 427 मशीनरी लगाई गई है।

मौसम के कड़े तेवरों से लोगों व पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। व्यापक बारिश से राज्य की नदियां और बरसाती नाले उफान पर हैं। व्यास नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कुल्लू जिले में यह नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिले के कई इलाके बाढ़ की जद में आ गए हैं।

बारिश के कारण राज्य में हवाई और परिवहन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कुल्लु, शिमला और गग्गल एयरपोर्ट के लिए सोमवार को भी हवाई उड़ानें नहीं हुईं। भारी बरसात से कई जगह चट्टान खिसकने और भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं और कई सड़कें बह गई हैं, जिसके चलते वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है। कुछ पहाड़ी इलाके सड़क संपर्क से कट गए हैं और कई गांवों के घरों में मलबा घुस गया है। कुल्लू और चम्बा जिले सबसे अधिक प्रभावित् हैं।

भुस्खलन से मनाली, चम्बा और अप्पर शिमला की अधिकां भुस्खलन से बन्द हैं तथा इन क्षेत्रों को जाने वाली सड़कों पर परिवहन निगम की कई बसें फंस गई हैं। इसी तरह ठियोग-हाटकोटी सड़क पर सेब से लदे कई ट्रक फंसे हुए हैं। यह सड़क शिमला जिले के कोटखाई इलाके के निहारी व पट्टी ढांक में अवरुद्ध है।

लोकनिर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन के कारण सूबे में 378 सड़कें सोमवार को अवरुद्ध रहीं। इनमें शिमला जोन में सर्वाधिक 213, कांगड़ा ज़ोन में 86, मंडी ज़ोन में 49 और हमीरपुर ज़ोन में 49 सड़कें बाधित हैं।

अधिकारी के मुताबिक सड़कों को बहाल करने के लिये 427 मशीनरी लगाई गई है। इनमें 343 जेसीबी, 70 टिप्पर और 14 डोज़र शामिल हैं। इस मानसून सीजन में लोकनिर्माण विभाग को 789 करोड़ का नुकसान पहुंच चुका है।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घण्टों के दौरान चम्बा जिले के कालाटोप में सवाधिक 225 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा डलहौजी में 179, खेड़ी में 157, देहरा गोपीपुर, मनाली और गगल में 121, नैना देवी में 120, चम्बा में 117, गूलेर में 112, पालमपुर में 108, घुमरूर में 96, नगरोटा सुर्रियां में 86, अम्ब व बंगाणा में 85, तीसा में 82, भरविन में 80, नादौन में 78, बैजनाथ में 77, सुजानपुर टिहरा में 66, धर्मशाला में 63, ऊना में 62, जोगिन्दरनगर में 60, भोरंज में 59 और नाहन में 52 मिमी बारिश दर्ज की गई।

इधर, रोहतांग समेत राज्य की उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ़बारी हो रही है। रोहतांग में दो फुट से अधिक बर्फ गिर चुकी है। भारी बर्फबारी से मनाली-लेह मार्ग बीते रविवार से अवरुद्ध है।

बारिश-बर्फ़बारी से तापमान में गिरावट आने से पर्वतीय इलाकों में शीतलहर शुरू हो गई है। लाहौल स्पीति के केलंग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है। यहां पारा माइनस 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त कल्पा में 9.4, कुफरी में 10, मनाली में 10.6, डलहौजी में 11, शिमला में 12.8, मंडी में 14 2, नाहन में 14.3, चम्बा में 14.7, पालमपुर व भूतर में 15, धर्मशाला में 15.8, ऊना में 17.3, सोलन में 17.4, हमीरपुर में 18.1 और बिलासपुर में 18.4 डिग्री दर्ज हुआ।

इस बीच मौसम विभाग ने मंगलवार से बारिश का दौर कम होने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले 24 घण्टों के दौरान राज्य में बारिश-बर्फ़बारी का दौर चलेगा, लेकिन कहीं भी भारी बारिश-बर्फ़बारी के आसार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के मैदानी और उच्च पर्वतीय इलाकों में 26 सितम्बर को मौसम पूरी तरह साफ ही जाएगा। इसी तरह 27 सितम्बर को राज्य के मध्य पर्वतीय इलाकों में धूप खिली रहेगी। इसके बाद 30 सितम्बर तक राज्य में बारिश-बर्फ़बारी के आसार नहीं हैं।

Updated : 24 Sep 2018 9:19 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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