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देशद्रोही साहित्य बेचकर भ्रम फैलाने की साजिश, प्रदेशभर में फैला जाल

- ग्वालियर को बनाया गढ़, नहीं है किसी का भय, बैकफुट पर प्रशासन

देशद्रोही साहित्य बेचकर भ्रम फैलाने की साजिश, प्रदेशभर में फैला जाल
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-भोपाल से प्रकाशित हुई विवादित पुस्तक, देशभर में बेचने की तैयारी

ग्वालियर, न.सं.। जम्मू-कश्मीर में पिछले सत्तर सालों से लगी धारा 370 हटाकर जहां केंद्र सरकार को देश ही नहीं बल्कि विश्वभर से सराहना मिल रही हैं और पाकिस्तान इस मामले में बौखलाकर देश दुनिया से अलग-थलग हो गया है। किंतु ग्वालियर में कुछ ऐसे तत्व भी हैं, जो देश में रहकर पाकिस्तान की भाषा बोलने से बाज नहीं आ रहे। चूंकि ऐसे तत्वों को प्रदेश की सरकार का संरक्षण हासिल है, इसीलिए इनके हौसले बुलंद हैं। यहां सवाल यह पैदा होता है कि प्रदेश और ग्वालियर में ऐसे तत्वों को कभी भी जनता और अन्य स्थानों पर कोई आसरा नहीं मिला है फिर भी इनके लिए विदेशों से गोपनीय फंडिंग आती है, जिससे यह देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर आग उगलने से नहीं चूकते।


यह दुष्प्रचार मंगलवार को ग्वालियर में फूलबाग चौराहे पर मुस्लिम अधिकार मंच के बैनर तले आयोजित धरने के दौरान देखने को मिला है। यहां पर कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ भोपाल से प्रकाशित संविधान तार-तार: संघीय ढांचा जार-जार, धारा-370 सेतु या सुरंग नाम की पुस्तक धड़ल्ले से बांटी जा रही थी। पहले तो लोगों को लगा कि यह सामान्य किताब है, लेकिन जब इसके अंदर के हिस्से पढ़े गए तो तमाम ऐसी देशद्रोहपूर्ण बातों का जिक्र था, जो कि देश में वर्जित है। सामाजिक संगठनों के लोगों ने मौके पर पहुंचकर इस पर आपत्ति दर्ज कराई और प्रशासन को सूचना दी। लेकिन न तो प्रशासन ने गंभीरता से लिया और न ही पुलिस ने सक्रियता दिखाई। कई बार शिकायत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की नींद खुली और वह कार्रवाई करने के लिए पहुंचे। धरने की आड़ में इस देशविरोधी पुस्तक को बेचा जा रहा था। पुस्तक बेचने वालों को न तो पुलिस का भय था और न ही प्रशासन का डर रहा। इसलिए वह धड़ल्ले से पुस्तक बेचते रहे। पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद भी पुस्तक बेचने वालों को बिलकुल भी डर नहीं लगा। थाने पर पहुंचे कुछ कम्युनिष्ट नेताओं ने सीटू के जिलाध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर विरोध किया। चूंकि इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों को लगा कि यदि सीटू नेता को गिरफ्तार दिखाकर कोई कार्रवाई की जाती है तो राष्ट्रप्रेमी लोगों को एक नया मुद्दा मिल जाएगा। यही कारण रहा है कि सीटू अध्यक्ष को थाने में थोड़ी देर बैठाने के बाद छोड़ दिया गया। जबकि पुस्तक में कई जगह पर देशविरोधी बातों का उल्लेख किया गया है। लोकजतन प्रकाशन भोपाल द्वारा प्रकाशित इस प्रस्तुत को प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में बेचने की सुनियोजित साजिश रची गई है। ग्वालियर को भी इसके लिए गढ़ बनाया गया है और हजारों की संख्या में यहां पर पुस्तक भेजी गई है। सूत्रों की मानें तो इस कार्य में ऐसे लोगों को लगाया गया है, जो पहले से ही ग्वालियर की छवि खराब करते आ रहे हैं। खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर इस पुस्तक को बेचने की साजिश रची जा रहा है।

विवादों से नाता रहा है लेखक का

इस किताब के लेखक वाचमंथी विचारक सीपीआई(एम) के महासचिव एवं लोकजतन अखबार के पूर्व संपादक जसविंदर सिंह हैं, जो मूलत: ग्वालियर के ही हैं और एसएफआई एवं सीटू के लिए काम करते थे। इस दौरान मजदूर आंदोलन के नाम पर फैक्ट्रियों में हड़ताल करवाने में आगे रहा करते थे। इन्हीं के दौर में जेसी मिल बंद हुई, जिसका कारण माकपा बनी। इसके अलावा शहर के अमन-चैन की जब-जब बात आई तो यह दल हमेशा ऐसे तत्वों के साथ रहा जो देशद्रोहीपूर्ण कार्यों में लिप्त रहते हैं।

पहले किया गिरफ्तार, बाद में बदले थाना प्रभारी के सुर

आपत्तिजनक किताब बेंचने की सूचना मिलने पर एसडीएम प्रदीप तोमर, पड़ाव थाना प्रभारी प्रशांत कुमार यादव मौके पर पहुंचे और किताब बेंच रहे सीटू के जिलाध्यक्ष शेख अब्दुल गनी को गिरफ्तार कर थाने भिजवा दिया। उसके बाद माकपा के रामविलास गोस्वामी कुछ नेताओं के साथ थाने पहुंचे और पुलिस पर दबाव बनाया। बताया जा रहा है कि इसे लेकर मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचा और उन्होंने कोई कार्रवाई न करने के निर्देश दिए। जिसके बाद थाना प्रभारी के सुर बदल गए और उन्होंने सीटू के जिलाध्यक्ष को बिना कोई मामला कायम किए ही छोड़ दिया। उन्होंने यह तक कहा कि उन्होंने किताब बेंचकर क्या अपराध किया है। जबकि किताब में स्पष्ट रूप से कई जगह पर आपत्तिजनक एवं देश को तोडऩे वाले बातों को उल्लेख है।

किताब में यह हैं प्रमुख आपत्तिजनक बातें

-धारा 370 के कारण जम्मू-कश्मीर का विकास अवरुद्ध नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर ने वह कुछ किया है जो दूसरे राज्यों में आज तक नहीं हुआ है। केवल वामपंथ शासन वाले केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में ही भूमि सुधार हुए हैं।

-संविधान सभा भंग हो चुकी है, उसकी जगह जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ले चुकी है। राष्ट्रपति का यह आदेश विधानसभा के साधारण बहुमत के बाद ही अमल में लाया जा सकता है। मगर मोदी सरकार ने पहले विधानसभा को भंग कर वहां पर राज्यपाल का राज्य थोप दिया। धारा 370 और 35 ए हटाना इसलिए गलत है क्योंकि यह धारा दो पक्षों के बीच समझौता है।

-धारा 370 और 35 ए की वजह से अलगाव और आतंकवाद बढ़ा है। जब भाजपा और संघ परिवार जब ऐसा कहते हैं तो वह झूठ बोलते हैं। कश्मीरियों में अलगाव इसलिए पनपा और घर कर गया है क्योंकि लगातार 370 को कमजोर कर वहां के आवाम में इस धारणा को पुख्ता किया गया कि दिल्ली उनके विश्वास पर खरी नहीं उतरी है।

-भाजपा और संघ देश के धर्मनिरपेक्ष और संघीय ढांचे में विश्वास नहीं है। यह संगठन फासीवादी सोच वाला संगठन है जो देश को हिन्दूराष्ट्र में तब्दील करना चाहता है।

-इसके अलावा अन्य कई विवादित बातें लिखी हैं।

गृहमंत्री नहीं दे पा रहे जवाब

शहर का सौहार्द बिगाडऩे वाले इस गंभीर मसले पर जब प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन से मोबाइल पर कई बार बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस मामले में कन्नी काटते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

चोरी, ऊपर से सीना जोरी

यहां बताना जरूरी होगा कि सागरताल की सफाई के नाम पर दिए जा रहे धरने पर सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत बेची जा रही देशद्रोहीपूर्ण सामग्री के कर्ता-धर्ता सीटू के जिलाध्यक्ष शेख अब्दुल गनी और रामविलास गोस्वामी को इस बात का जरा भी अफसोस नहीं है कि वे कोई गलत काम कर रहे थे। पुलिस ने जैसे ही अब्दुल गनी को उठाया तो वहां रामविलास गोस्वामी प्रकट हुए और बोले की मेरे पास भी यह किताबें आएंगी और सब इस किताब को पढ़ें। यानि की गलत काम को लेकर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन से कहीं न कहीं इन लोगों को प्रश्रय मिला हुआ है। यही कारण है कि इन लोगों ने चोरी के बाद सरेआम सीना जोरी भी की।

इनका कहना है

पूरे मध्यप्रदेश में धारा 370 के संबंध में किताब बेची जा रही है। शेख अब्दुल गनी ने क्या गलत किया है। शिकायत के आधार पर उन्हें पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हमारे यहां पर कोई कायमी नहीं की गई है और न ही इस मामले में कोई अपराध बनता है।

-प्रशांत कुमार यादव, थाना प्रभारी, पड़ाव

फूलबाग चौराहे पर अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में जो आपत्तिजनक साहित्य बांटा जा रहा था, उसे प्रशासन एवं सरकार को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह कोई गंभीर विषय बने इससे पहले ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इस मामले को लेकर शासन को अवगत कराया जाएगा।

-लोकेंद्र पाराशर, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा

लोकजतन अखबार के पूर्व संपादक जसविंदर सिंह ने कश्मीर के मुद्दे एवं उस समय की परिस्थितियों को लेकर यह पुस्तक निकाली है। पुस्तक पूरे देशभर में बेची जा रही है। मैंने 100 किताबें मंगाई है, जिन्हें बिकवाया जाएगा। किताब में कोई ऐसी गलत बात नहीं लिखी है, जिसे लेकर पुलिस ने सीटू के जिलाध्यक्ष को गिरफ्तार किया है।

-रामविलास गोस्वामी, जिला सचिव मंडल सदस्य, माकपा

लोकजतन प्रकाशन भोपाल द्वारा यह पुस्तक निकाली गई है। किताब में कुछ गलत नहीं लिखा है। 1947 में हमारे देश में जो परिस्थिति पैदा हुई उस ऐतिहासिक परिस्थिति का वर्णन किताब में किया गया है।

-शेख अब्दुल गनी, जिलाध्यक्ष, सीटू

वामपंथियों ने स्थल की गरिमा को किया तार-तार

फूलबाग चौराहा स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी रहा है। यहां पर वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल तो दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए बलिदान देने वाले महापुरुष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा है। आज फिर से इस ऐतिहासिक स्थल पर इन वामपंथियों ने षडय़ंत्र करके स्थल की गरिमा को तार-तार करने का प्रयास किया। देशविरोधी साहित्य बेचने का वामपंथियों का षडय़ंत्र सामने आया। वहीं कांग्रेस हमेशा की तरफ फिर से उनका साथ देती हुई नजर आई। वहीं शासन-प्रशासन इस मामले में पूरी तरह मौन रहा।

इनका कहना है

आपत्तिजनक साहित्य बेचने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए हैं। यदि पुस्तक में कुछ विवादित बातों का उल्लेख किया गया है तो निश्चित रूप से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-राजाबाबू सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, ग्वालियर जोन

Updated : 6 Sep 2019 11:46 AM GMT
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