सीएम कमलनाथ ने पीएम मोदी से की मुलाकात, लंबित योजनाओं के लिये रखी मांग
सड़कों के अपग्रेडेशन, गेहूं उपार्जन की सीमा बढ़ाने और मनरेगा पर की चर्चा
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भोपाल/नई दिल्ली। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में उनके निवास पर भेंट की। सीएम ने प्रधानमंत्री से ग्राम सड़क योजना के प्रस्तावित तृतीय चरण में वर्तमान सड़कों का अपग्रेडेशन करने का अनुरोध किया है। लगभग आधे घंटे की मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री नाथ ने पीएम मोदी से प्रदेश की लंबित योजनाओं एवं उनसे जुड़ी राशि शीघ्र जारी करने के बारे में विस्तार से चर्चा की। दरअसल कमलनाथ पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए थे, उन्होंने कहा कि लोस चुनाव के कारण बहुत से विकास कार्य अधूरे पड़े थे, जिनको पूरा करना बहुत जरूरी था। इस कारण वे समारोह में नहीं आ पाए थे।
सड़कों के अपग्रेडेशन और छूटे गांवों को जोड़ने की मांग
इस दौरान कमलनाथ ने योजना में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर उन गांवों और बसाहटों को भी शामिल करने का अनुरोध किया है, जो पहले इस योजना में छूट गए थे। नाथ के अनुसार उनके इस प्रस्ताव के मान्य होने से छूटे गये गांव भी सब पक्की सड़कों से जुड़ जायेंगे। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नाथ ने प्रधानमंत्री का ध्यान मध्यप्रदेश में खनिज उत्खनन से संबंधित लगभग 20 बड़ी परियोजनाओं की ओर दिलाया, जो विभिन्न अनुमतियों के लिये भारत सरकार के विभिन्न विभागों में लंबित हैं । उन्होंने कहा कि यदि यह अनुमतियां मिल जाती हैं तो प्रदेश को काफी अधिक मात्रा में राजस्व आय की प्राप्ति होगी।
गेहूं उपार्जन की सीमा 75 लाख मीट्रिक टन करने का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गेहूं उपार्जन की सीमा 75 लाख मीट्रिक टन करने का भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर वर्तमान में 67.25 लाख मीट्रिक टन की सीमा तय की गयी है। इसके पहले भारत सरकार ने माह फरवरी में 75 लाख मीट्रिक टन की सीमा स्वीकृत की थी । यह सीमा पुराने 4 वर्ष के उपार्जन के आंकड़ों के आधार पर तय की थी ।
मनरेगा में मांगी सहायता
कमलनाथ ने मनरेगा के कामगारों के भुगतान की स्थिति की जानकारी देते हुये बताया कि मनरेगा के अंतर्गत अभी तक स्वीकृत श्रमिक बजट हर वर्ष जनवरी से पूर्व समाप्त हो जाता है। इस कारण 3 से 4 महीने तक श्रमिकों को भुगतान नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बुन्देलखंड एवं निमाड़ के जनजातीय क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में वर्षा न होने की स्थिति की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि इसके कारण किसानों एवं अन्य निवासियों को रोजगार के लिये शहर से बाहर पलायन करना पड़ रहा है। इस पलायन को रोकने एवं क्षेत्र के निवासियों को पर्याप्त मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मनरेगा के अंतर्गत भारत शासन से पर्याप्त सहायता की अपेक्षा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंगरौली में रीजनल सेंटर आफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद का केन्द्र खोलने का अनुरोध करते हुये कहा कि भारत सरकार ने 2008 में यह केन्द्र खोलने का निर्णय लिया था। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा 163.25 एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है । इस सेन्टर को शीघ्र खोला जाना चाहिये।
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