Home > Lead Story > नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

-59 याचिकाओं पर सुनवाई, केंद्र सरकार को नोटिस -जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दाखिल करने का निर्देश -अगली सुनवाई 22 जनवरी को

नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
X

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर 59 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी। कोर्ट ने फिलहाल नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

याचिकाएं दायर करनेवालों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा, पीस पार्टी, रिहाई मंच और सिटिजन अगेंस्ट हेट नामक एनजीओ, जन अधिकार पार्टी औऱ इंडियन मुस्लिम लीग औऱ एहतेशाम हाशमी, असम के नेता डी सैकिया, सांसद अब्दुल खालिक, विधायक रुपज्योति, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, पूर्व आईएएस अधिकारी सोम सुंदर बरुआ, अमिताभ पांडे, आईएफएस देव मुखर्जी बर्मन और त्रिपुरा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर देव बर्मन शामिल हैं।

याचिका दायर करनेवालों में हर्ष मांदर, अरुणा राय, निखिल डे, इरफान हबीब और प्रभात पटनायक शामिल हैं। याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग की गई है। पीस पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के नाम पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता है। ये बिल संविधान की धारा 14 का उल्लघंन है।

इस कानून के खिलाफ पिछले 12 दिसम्बर को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दाखिल किया। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता। ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है।

Updated : 18 Dec 2019 7:24 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Amit Senger

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top