रिटायरमेंट से पहले जनरल रावत ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, बोले - CDS तो बस ओहदा है
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नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत बुधवार (1 जनवरी) को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से रिटायरमेंट से पहले वे नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। आज लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे उनकी जगह 28वें सेना प्रमुख का पदभार संभालेंगे। जनरल रावत ने कहा है कि सेना प्रमुख का काम कठिन होता है, कुछ काम अधूरे रह जाते हैं, नई जिम्मेदारी लेने के बाद योजनाएं बनाऊंगा। जनरल रावत ने बतौर सेना प्रमुख आखिरी बार परेड की सलामी ली।
बिपिन रावत ने मीडिया से संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने पूरी उम्मीद है कि मनोज मुकुंद देश की सेना को और आगे ले जाएंगे। सभी जवानों को वह नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। सेना में काफी बदलाव किए हैं। सबके सहयोग से ही मैं सफल हो सका। अब जो नए प्रमुख आएंगे, वह अपने तरीके से कार्रवाई करेंगे। मुझे नहीं पता था कि मैं चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस बनूंगा, अभी तक मैं आर्मी चीफ के तौर पर ही काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में सेना का आधुनिकिकरण करना उनका एक बड़ा कदम था।
देश के पहले सीडीएस बनने और चुनौतियों के सवाल पर आर्मी चीफ ने कहा कि यह सिर्फ एक ओहदा भर है। उन्होंने कहा, 'कोई भी पद सिर्फ एक व्यक्ति के प्रयास से सफल नहीं हो सकता। जनरल रावत अगर आर्मी चीफ बनता है तो उसे सभी विभागों से पूरा सहयोग मिला। सबको मिलकर काम करना होगा तभी सफल होंगे।' जनरल रावत ने सभी जवानों और देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दीं। 1 जनवरी 2020 को बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस का पद संभालेंगे। पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने 2016 में आर्मी चीफ का पद संभाला। जनरल रावत ने अपने लंबे करियर में कई महत्वपूर्ण मोर्चों का प्रतिनिधित्व किया और अवॉर्ड से नवाजे गए। मूल रूप से उत्तराखंड के पौरी गढ़वाल के रहनेवाले हैं देश के पहले सीडीएस।
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