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अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद पहली बार बीडीसी चुनाव में पड़े 98.3 प्रतिशत वोट

- आतंकियों की धमकियों के बावजूद बीडीसी चुनाव में पड़े 98.3 प्रतिशत वोट - राज्य के 283 ब्लॉकों में 1065 पंच-सरपंचों के भाग्य का होगा फैसला - बीडीसी चुनाव में 1092 उम्मीदवार मैदान में, 27 निर्विरोध चुने गए

अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद पहली बार बीडीसी चुनाव में पड़े 98.3 प्रतिशत वोट
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जम्मू। अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पंचायती राज व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) के लिए बेख़ौफ़ होकर सुबह 9 बजे से शुरू हुए मतदान ने अपने सारे रिकार्ड तोड़ दिए।

जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में मतदान का प्रतिशत 98.3 प्रतिशत रहा। कश्मीर संभाग के अनंतनाग में 90.5 प्रतिशत, बांडीपोरा में 97.6 प्रतिशत, बारामुला में 97.1 प्रतिशत, बडगाम में 94.9 प्रतिशत, शोपियां में 85.3 प्रतिशत, श्रीनगर में 100 प्रतिशत, गांदरबल में 95.1 प्रतिशत, कुलगाम में 93.9 प्रतिशत, कुपवाड़ा में 95.5 प्रतिशत, पुलवामा में 86.2 प्रतिशत मतदान रहा। वहीं जम्मू संभाग के डोडा में 99.2 प्रतिशत, जम्मू में 99.5 प्रतिशत, कठुआ में 99.4 प्रतिशत, किश्तवाड़ में 99.5 प्रतिशत, पुंछ में 99.3 प्रतिशत, राजौरी में 99.5 प्रतिशत, रामबन में 99.2 प्रतिशत, रियासी में 99.7 प्रतिशत, साम्बा में 99.6 प्रतिशत, उधमपुर में 99.4 प्रतिशत तथा लद्दाख के कारगिल में 98.3 प्रतिशत व लेह में 97.3 प्रतिशत मतदान रहा।

पूरे चुनाव में आतंकियों तथा अलगाववादियों की धमकियों का कोई असर देखने को नहीं मिला। गुरुवार को हुए इस मतदान का परिणाम शाम तक आना था परन्तु ऐसा माना जा रहा है कि इसमें अधिक समय लग सकता है।कश्मीर संभाग में भी कड़ी सुरक्षा के बीच पंच-सरपंच बेखौफ होकर मतदान केंद्रों में वोट डालने के लिए पहुंचे। गांदरबल, बडगाम के इलाकों में मतदान केंद्रों के बाद कतारें देखने को मिली। अन्य इलाकों में भी पंच-सरपंच थोड़ी-थोड़ी देर बाद पहुंचे और वहां पर भी आतंकियों तथा अलगाववादियों की धमकियों का कोई असर देखने को नहीं मिला। कठुआ जिले में कई जगहों पर 12 बजे तक मतदान प्रक्रिया समाप्त हो गई। कठुआ जिले के 18 ब्लॉकों में जारी ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव में चेयरमैन के पद के लिए सुबह 9 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया 12 बजे तक सुचारु चली। किसी भी मतदान केंद्र में मतदान प्रक्रिया में बाधा नहीं आई।

मतदान को लेकर उत्साह इतना रहा कि कई मतदान केंद्रों में 11 से 12 बजे तक ही मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। सभी मतदान केंद्रों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। मतदान केंद्रों में किसी को भी बिना पहचान पत्र के जाने की अनुमति नहीं मिली। अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद राज्य में पहली बार हुए ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव में 283 ब्लॉकों के चेयरपर्सन चुने जाने हैं। हालांकि 27 निर्विरोध चुने जा चुके हैं। कुल मिलाकर परिषद में 310 प्रतिनिधि होंगे।

जम्मू-कश्मीर पंचायत राज अधिनियम 1989 के तहत हो रहे बीडीसी चुनाव में वैसे तो 1092 उम्मीदवार मैदान में थे परंतु उनमें से 27 पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। 1065 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला भी आज ही हो जायेगा। जिन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा उनमें जम्मू संभाग के डोडा में 74, किश्तवाड़ में 44, रामबन में 39, ऊधमपुर में 58, कठुआ में 72, सांबा में 36, जम्मू में 82, राजौरी में 76 और पुंछ में 61 उम्मीदवार शामिल हैं। कश्मीर में भाग्य आजमाने वालों में से कुपवाड़ा में 101, बारामुला में 90, बांडीपोर में 26, गांदरबल में 28, श्रीनगर में 5, बडगाम में 58, पुलवामा में 11, शोपियां में 4, कुलगाम में 18 और अनंतनाग में 55 उम्मीदवार शामिल हैं। लद्दाख संभाग के लेह में 36 व करगिल जिले में 38 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

राज्य के 283 ब्लॉकों में हुए मतदान में 26629 पंच, सरपंच वोट डाल चुके हैं। ये मतदाता 1065 पंच-सरपंचों के भाग्य का फैसला कर चुके हैं जिसकी घोषणा गुरुवार को ही होनी है। बीसीडी चुनावों से पहले ही नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने बहिष्कार की घोषणा कर दी थी।

Updated : 24 Oct 2019 2:30 PM GMT
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Swadesh Digital

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