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कश्मीर पर पाक के सब मंसूबे हुए फेल, हालात सामान्य

कश्मीर पर पाक के सब मंसूबे हुए फेल, हालात सामान्य
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श्रीनगर। जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाए जाने के साथ ही उसके विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तल्खी बढ़ गई। पाकिस्तान ने इस मामले में समर्थन हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन एक-दो देश को छोडक़र कोई उसके साथ खड़ा नहीं हुआ।

इससे बौखलाकर उसने आतंकी गतिविधियों के माध्यम से घाटी में अशांति फैलाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने इस पर काबू पा रखा है। शनिवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने संवाददाताओं को बताया कि आर्टिकल 370 को हटाने के बाद से पाकिस्तान द्वारा हिंसा और अशांति फैलाने की तमाम कोशिशों पर पानी फिर गया और वहां के 99 फीसदी से भी ज्यादा इलाकों से पाबंदियां (रेस्ट्रिक्शंस) भी हट चुकी हैं।

बाहर से सहायता प्राप्त आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने से रोकने के लिए कुछ पाबंदियां लगाना जरूरी था। नेताओं समेत हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को रिहा करने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।

हम 16 अगस्त से ही धीरे-धीरे पाबंदियां हटाने लगे और सितंबर का पहला हफ्ता आते-आते ज्यादातर बैन खत्म कर दिए गए। 8 से 10 थाना क्षेत्रों के अलावा लोगों की आम गतिविधियों पर लगी पाबंदियां बिल्कुल हटाई जा चुकी हैं। अब राज्य में फिर से सैलानियों का स्वागत है। हम उनकी यात्रा को मंगलमय बनाने को प्रतिबद्ध है।

इंटरनेट सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। पाबंदियां लगाने से एक भी व्यक्ति आतंकवाद का शिकार नहीं हुआ। हालांकि राज्य के लोगों में डर पैदा करने के लिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की सीमा पार की कोशिशें बढ़ गई हैं। हमलों के पीछे मकसद सिर्फ जान-माल की क्षति पहुंचाना नहीं होता है बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में भय का माहौल बनाना भी होता है जहां कि ज्यादातर आबादी शांतिप्रिय है।

लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन डराने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इसी आशंका में कुछ पाबंदियां लगाई गईं ताकि बाहर से सहायता प्राप्त आतंकवाद में लोगों की जानें नहीं जा पाएं। सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं 14 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से बहाल कर दी जाएंगी।

Updated : 12 Oct 2019 8:00 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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