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प्रेस की आजादी मामला: ट्रम्प को फेडरल कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी

प्रेस की आजादी मामला: ट्रम्प को फेडरल कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी
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Image Credit : Twitter @jeffmason1

वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को प्रेस की आजादी के एक मामले में शुक्रवार को एक फेडरल कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी। फेडरल जज टिमोरी जे कैली ने अपने एेतिहासिक फैसले में सीएनएन के व्हाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा को संविधान के पांचवें संशोधन के आधार पर 'अस्थायी तौर' पर व्हाइट हाउस की कवरेज के लिए मान्य ठहराया है। इस आदेश के बाद जिम अकोस्टा तत्काल व्हाइट हाउस गए और मान्य कार्ड वापस ले आए।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस आदेश के बाद 'फाक्स न्यूज' से बातचीत में प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि यह कोई बड़ा मसला नहीं है। व्हाइट हाउस को न्यूज कवरेज के लिए शिष्टाचार के कायदे कानून बनाने हाई पड़ेंगे। इन कायदे कानूनों का कोई पत्रकार उल्लंघन करता है, तो उन्हें ऐसे पत्रकार को बाहर फेंकना पड़ेगा। ऐसा नहीं हो पाता है, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस को ही बंद करनी पड़ सकता है। सी एन एन ने यह मुकदमा राष्ट्रपति ट्रम्प, प्रेस सचिव सारा सांड्रा और चीफ ऑफ स्टाफ जान कैली के खिलाफ किया था।

इस मुकदमे में जिम अकोस्टा को स्थाई राहत दिए जाने की मांग की गई थी ताकि व्हाइट हाउस की ओर से फिर किसी पत्रकार को अपमानित कर उसकी मान्यता रद्द नहीं की जा सके। जज ने इस संदर्भ में अपना निर्णय सभी पक्षों की सुनवाई के बाद दिए जाने के आदेश दिए। इस पर प्रेस सचिव ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की।

उधर सी एन एन और उसके वरिष्ठ पत्रकार जिम अकोस्टा तथा पत्रकारों से जुड़ी संस्थाओं ने फेडरल कोर्ट के इस आदेश को लोकतंत्र की जीत और संविधान की मर्यादाओं के रक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

Updated : 18 Nov 2018 7:30 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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