रक्तदान से स्थापित होते है संबंध
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कार्यशाला में साझा किए अनुभव, रक्तदान को बताया महादान
गुना/निज प्रतिनिधि। रक्तदान करना पुण्य का कार्य है, रक्तदान से न सिर्फ किसी का जीवन बचाया जा सकता है, वहीं संबंध भी स्थापित होते है, जो जीवन भर चलते है। मैने 30 साल पहले एक महिला को रक्तदान किया था, इसके बाद उस महिला से मेरे भाई-बहन के संबंध स्थापित हुए, जो आज तक चले आ रहे है। यह बात जिला चिकित्सालय के रेडक्रास भवन में आयोजित कार्यशाला में अपने अनुभव साझा करते हुए एक रक्तदाता ने कही।
रक्तदान से नहीं आती कमजोरी
ब्लड डोनर मोटिवेशन कार्यशाला को गजरा राजा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर से आए डॉ. देवेश शर्मा एवं डॉ. अजय पटेल ने संबोधित किया। उन्होने बताया कि रक्तजान से किसी प्रकार की कोई कमजोर नहीं आती, यह सिर्फ एक भ्रांति है। रक्तदान के एक माह के अंदर आरबीसी वापस लेबल हो जाते है। उन्होने कहा कि 18 से लेकर 50 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। कार्यशाला में सीएमएचओ डॉ. पी बुनकर ने भी रक्तदान को लेकर प्रेरित करने का प्रयास किया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. एसपी जैन एवं डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी भी मौजूद रहे।
Naveen Savita
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