Home > राज्य > मध्यप्रदेश > गुना > मोदी का नहीं विकल्प, फिर बनेंगे प्रधानमंत्री : राघवाचार्य जी

मोदी का नहीं विकल्प, फिर बनेंगे प्रधानमंत्री : राघवाचार्य जी

मोदी का नहीं विकल्प, फिर बनेंगे प्रधानमंत्री : राघवाचार्य जी
X

अनन्त श्री विभूषित डॉ. स्वामी श्री राघवाचार्य जी ने कहा मोदी जैसा राष्ट्र भक्त नहीं

-निज प्रतिनिधि-

गुना। कथा व्यास अनन्त श्री विभूषित डॉ. स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा राष्ट्र भक्त नहीं है और वर्तमान में उनका देश में कोई विकल्प मौजूद नहीं है। इसलिए एक बार फिर वहीं 2019 में प्रधानमंत्री बनने जा रहे है। यहीं राष्ट्र के हित में भी है। मानस भवन में अपने मुखारविंद से श्रीराम कथा का वाचन कर श्रद्धालुओं को कृतार्थ कर रहे डॉ. राघवाचार्य सोमवार को मानस भवन में पत्रकारो से चर्चा कर रहे थे।

विपक्ष के पास न कोई मुद्दा है और न सिद्धांत

डॉ. राघवाचार्य जी ने कहा कि प्रधानमंत्री के रुप में नरेन्द्र मोदी ने देश हित में कई कार्य किए है। देश के लिए उनका प्रधानमंत्री बनना बहुत जरुरी है। फिर उनका कोई विकल्प भी तो नहीं है। जहां तक विपक्ष की बात है तो उसके पास न तो कोई मुद्दा है और न सिद्धांत। उनका एक मात्र सिद्धांत और मुद्दा मोदी विरोध ही है, यह विरोध क्यों? तो कोई ठोस कारण भी विपक्ष नहीं बता पाता है। कंप्यूटर बाबा को कांग्रेस सरकार में नवाजे जाने के सवाल पर कथा व्यास ने कहा कि पद का अपना महत्व है, इससे वह इनकार नहीं करते है। वह यह भी मानते है कि पद मिलने से कार्य क्षमता बढ़ जाती है, किन्तु पद का लोभ नहीं होना चाहिए। अगर लोभ होता है तो गलत है। उन्होने कहा कि संत न तो किसी की निंदा करते है और न आलोचना। रमजान के समय चुनाव होने और इसको लेकर विरोध सामने आने के साल पर डॉ. राघवाचार्य ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है, मतदान करने में कितना समय लगना है। चुनाव के समय जैसे अन्य त्यौहार पड़ते है, वैसे रमजान पड़ रहा है। इसकी आपत्ति समझ से परे है। इसके साथ ही डॉ. राघवाचार्य जी ने धर्मसत्ता को राजसत्ता से ऊँचा बताते हुए कहा कि राजनीति पर धर्म का अंकुल जरुरी है। यह प्राचीन काल से होता भी आया है। इस मौके पर हरिशंकर विजयवर्गीय, नर्मदा शंकर भार्गव, कथा आयोजन कुंज बिहारी तिवारी एवं आनंद भार्गव विशेष रुप से मौजूद थे।

बुद्धिमान व्यक्ति प्रभु की भक्ति में सब न्यौछावर कर देता है।

श्रीराम कथा का वाचन करते हुए डॉ. राघवाचार्य ने कहा कि जीव को हमेशा सावधान रहना चाहिए, इस जीवन का सबसे बड़ा लाभ है भगवान को प्राप्त करना। उनका दर्शन करना, उनकी कथा स्मरण करना। जीव का एक-एक क्षण बीता जा रहा है। मनुष्य का जीवन दिन-रात खाने-पीने की व्यवस्था करने में बीत जाता है। जो क्षण हमारा बीत गया है वह कभी वापस नहीं आता। बुद्धिमान व्यक्ति प्रभु की भक्ति में सब न्यौछावर कर देता है। गुरु वशिष्ठ भगवान का नामकरण करते हुए रमण रमये इति राम जो घट-घट में' वास करता हो उसे राम कहते हैं। कैकई कुमार का नामकरण करते हुए कहते हैं भरतीत इति भरत: जो अपने आचरण और समस्त जन मानस में भगवान की भक्ति भर दे उसे भरत कहते हैं।

भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का हुआ मनोहारी वर्णन

महाराज ने कहा कि जिसका मन अपने लक्ष्य में लग गया हो अर्थात लक्ष्मण जी सुमित्रा के दूसरे कुमार का नाम करण के अवसर पर कहा कि जो जीव के नित्य शत्रु का मर्दन कर दे उसे शत्रुध्न करते हैं। जीवन के नित्य शत्रु काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद् इत्यादि हैं। शत्रुध्न महाराज की कृपा से जीवन के नित्य शत्रु का नाश हो जाता है। इस मौके पर प्रभु श्रीराम की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया गया। डॉ. राघवाचार्य के मुखारविंद से श्रीराम की बाल लीला का वर्णन सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इसके साथ ही रात्रि में भव्य रासलीला का आयोजन किया गया। इसमें कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। कल 12 मार्च को श्रीराम कथा के दौरान राम-सीता विवाह का प्रसंग होगा। कथा सुनने और राससीला का आनंद लेकर पुण्य लाभ अर्जित करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मानस भवन पहुंच रहे है।

Updated : 11 March 2019 3:44 PM GMT
author-thhumb

Naveen Savita

Swadesh Contributors help bring you the latest news and articles around you.


Next Story
Top