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सिंधिया से शिकायत के बाद भी नहीं सुधरे मंडी के हालात, सेठों के रसूख के आगे पीछे हटा प्रशासन

सिंधिया से शिकायत के बाद भी नहीं सुधरे मंडी के हालात, सेठों के रसूख के आगे पीछे हटा प्रशासन
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बेजा कब्जों पर नहीं चली जेसीबी, अतिक्रमण के कारण नहीं हो पा रही साफ-सफाई

-निज प्रतिनिधि-

गुना। कांगे्रस महासचिव एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से शिकायत के बावजूद पुरानी गल्ला मंडी के हालात नहीं सुधर पाए है। न मंडी से अतिक्रमण हटा है और न गदंगी दूर हो पाई है। गौरतलब है कि हाल ही में दौरे पर आए श्री सिंधिया से व्यापारी सम्मेलन के दौरान व्यापारियों ने मंडी में गदंगी की शिकायत की थी। जिस पर सांसद ने कलेक्टर भास्कार लाक्षाकार को निर्देश देने की बात कही थी। इसके बाद मंडी प्रशासन एसडीएम अखिलेश जैन के नेतृत्व में पुरानी मंडी में जेसीबी लेकर पहुँचा भी था। इस दौरान मामूली विवाद के बीच व्यापारियों से जुर्माना वसूला गया था। साथ ही तय हुआ था कि व्यापारी खुद ही अतिक्रमण हटा लेंगे, जिससे सफाई हो सके। इस बात को हफ्ते भर हो चुका है, किन्तु अब तक हालात बहुत ज्यादा नहीं बदले है।

जेसीबी लेकर पहुंचे थे, विवाद के बाद जुर्माना लगाकर लौट आए

सांसद से शिकायत के बाद एसडीएम अखिलेश जैन के नेतृत्व में मंडी प्रशासन जेसीबी लेकर पुरानी गल्ला मंडी पहुँचा था। इस दौरान सामने आया था कि मंडी की साफ-सफाई में सबसे बड़ी बाधा व्यापारियों द्वारा किया गया अतिक्रमण है। जिससे नालियों तो गायब हो गई है तो चैम्बर भी खो चुके है। इस दौरान अतिक्रमण को अमले ने हटाने का प्रयास भी किया था, अस्थाई अतिक्रमण हटाए भी गए थे, जब स्थाई अतिक्रमण को हटाने की बारी आई तो व्यापारी विरोध पर उतर आए। उनका कहना रहा कि नालियों की सफाई नहीं होने से गदंगी फैलती थी, इसलिए उन्होने इनके ऊपर निर्माण कर लिया। इसके बाद अमले ने व्यापारियों से जुर्माना वसूला और हिदायत देकर वापस लौट आया। इस बीच व्यापारियों ने मंडी प्रशासन को भरोसा दिलाया था कि वह अपने कब्जे खुद ही हटा लेंगे पर ऐसा नहीं हो पाया।

आवागमन के चार द्वारा, फिर भी लगा रहता है जाम

पुरानी गल्ला मंडी में आवागमन के लिए चार द्वार है, इसके बाद भी चारों पर जाम के हालात बने रहते है। कारण है कि पूरी गल्ला मंडी के साथ ही इन चारों द्वार पर भी खासा अतिक्रमण है। इसके चलते निकलने के लिए जगह ही नहीं बचती है। इसके साथ ही सडक़ पर भसुआ, गिट्टी और सरिया विक्रय भी किया जा रहा है तो अस्थाई अतिक्रमण भी बहुत है। फल ेएवं सब्जी सहित अन्य ठेले वाले सडक़ पर ही खड़े रहते है।

नाला साफ करने में जुटा मंडी प्रशासन

सांसद के निर्देश पर मंडी प्रशासन द्वारा शुरु की गई कार्रवाई को हफ्ता भर हो चुका है, किन्तु कब्जे हटना तो दूर रहा, अब तक यहां नालियां भी पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। इसके साथ ही चैंबर साफ करने जहां निशान लगाए थे, वह भी वैसे ही लगे हुए है। हालांकि मंडी प्रशासन ने बीच का रास्ता निकालते हुए नाला साफ करना गुुरुवार से शुरु कर दिया है। इसके लिए मंडी सचिव रियाज अहमद खांन टीम को लेकर सुबह पहुंचे और जेसीबी से नाला सफाई शुरु कराई। जिसमें भारी मात्रा में मलबा और गदंगी निकली। इसके साथ ही सफाई कार्य आगे ले जाया गया, किन्तु इसमें जहां जगह मिली, वहीं सफाई की कोशिश की गई। जिससे गदंगी दूर नहीं हो पाई।

लोगों को होती है भारी परेशानी

पुरानी गल्ला मंडी में अतिक्रमण एवं गदंगी के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अतिक्रमण के कारण यहां लोगों को आवागमन के लिए जगह ही नहीं बची है, जिससे दिन भर यहां आवागमन प्र भावित होता रहता है। । सबसे ज्यादा हालत बारिश में खराब रहते है, जब पूरे परिसर में कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है। इसके चलते जहां लोगों का बदबू के मारे निकलना मुहाल होता है तो संक्रामक बीमारियां फैलने का डर भी बना रहता है।

सेठों का रसूख है कार्रवाई में बाधा

पुरानी गल्ला में कार्रवाई में सबसे बड़ी बाधा यहां के सेठों का रसूख है। मंडी में समस्या भी व्यापारी ही है और शिकायत भी वहीं करते है। अतिक्रमण इतना कर रखा है कि सफाई संभव ही नहीं है और सफाई नहीं होती तो शिकायत करते है। अतिक्रमण पर कार्रवाई करो तो दबाव बनवाते है। व्यापारियों ने अपनी दुकानों को 10 और 15 फिट तक बढ़ा रखा है। कई दुकानों को पूरी तरह सडक़ पर ही आ गई है। इसके साथ ही रहवासियों ने भी अपने घरों के आगे 20 और 25 फिट तक अतिक्रमण कर लिया है। जिससे मंडी में अच्छी-खासी चौड़ी सडक़ गली में तब्दील हो चुकी है। यहां भी सामान रखे जाने के साथ ठेले आदि खड़े रहते है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई यहां मुश्किल है, स्थिति ठीक मुख्य बाजार जैसी ही है, पूरे शहर में एक नहीं कई बार अतिक्रमण हटाओ मुहीम चल चुकी है, किन्तु प्रशासन की जेसीबी मुख्य बाजार तक नहीं पहुंच पाई है, जबकि सबसे ज्यादा अतिक्रमण की समस्या यहीं है।

Updated : 7 March 2019 6:34 PM GMT
author-thhumb

Naveen Savita

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