हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार देे माँ
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बसंत पंचमी पर हुए कई कार्यक्रम माँ सरस्वती की हुई पूजा अर्चना
-निज प्रतिनिधि-
गुना। हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ, प्रार्थना के इन स्वरों के साथ रविवार को वीणावादिनी माँ सरस्वती का जन्म दिन वसंत पंचमी के रुप में श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं सहित मंदिरों में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें माँ सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की गई तो विद्या से जुड़े आयोजन भी हुए। इसके साथ ही घरों में भी माँ सरस्वती जी की विशेष पूजा अर्चना की गई।
त्यागमय है भारतीय संस्कृति: कौरव
भारत भूमि पुण्य भूमि है, यहाँ जन्म लेना ही महान पुण्य कार्य है, हमारे देश में हर दिन पावन माना जाता है । हमारी संस्कृति विष्व की श्रेष्ठ संस्कृति है, कारण यह त्यागमय है न कि भोगमय । यह वक्तव्य बसंत पंचमी पर्व के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर पुरानी छावनी विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक रामवीर कौरव ने व्यक्त किए। इस अवसर पर गायत्री परिवार से श्रवण कुमार, आषुतोष शर्मा, महेन्द्र सिंह रघुवंशी, बृजमोहन गुर्जर विशेष रुप से मौजूद थे।
हवन में दी आहूति
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती का विशेष पूजन अर्चन के साथ हुआ। तत्पश्चात प्रधानाचार्य ब्रजमोहन गुर्जर ने कार्यक्रम की भूमिका रखी, वहीं पूर्व छात्रा बहन -खुशी ओझा द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया । इसी क्रम में गायत्री परिवार द्वारा विधि विधान से यज्ञ हवन कार्य प्रारम्भ किया । इस अवसर पर दो वेदियों पर अभिभावकों के 7 जोड़े बैठाए गए। जिन्होनें पूर्ण श्रद्धा भाव से यज्ञ अनुष्ठान कार्य में भाग लिया । बाद में पूर्व छात्र व आचार्य परिवार भैया-बहन ने भी यज्ञ में अपनी-अपनी आहुति दी ।
माँ सरस्वती जी का विशेष पूजन अर्चन
प्रधानाचार्य श्री गुर्जर ने बताया कि वसंत पंचमी पर माँ सरस्वती का जन्म दिन भी रहता है, इसके मद्देजनर उनकी विशेष पूजा अर्चना की गई। भक्ति गीत की प्रस्तुति आरती कुशवाह न दी, वहीं संंचालन संगीता गर्ग ने किया।
Naveen Savita
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