Home > एक्सक्लूसिव > दक्षिण भारत : अब दूसरे छोर में कमल खिलाने की तैयारी

दक्षिण भारत : अब दूसरे छोर में कमल खिलाने की तैयारी

-कार्यकर्ताओं के लिए आदर्शोन्मुख यर्थाथ हैं बीएल संतोष -पार्टी व संगठन के बीच समन्वय बिठाने की चुनौती

दक्षिण भारत : अब दूसरे छोर में कमल खिलाने की तैयारी
X

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को प्रचंड जीत मिलने के बाद कार्यकर्ताओं से कहा था, पार्टी का अभी सर्वाेच्च आना बाकी है। और यह तब होगा, जब हम सुदूर दक्षिणी राज्य केरल व पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाएंगे, वह भी पूर्ण बहुमत के साथ। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित सफलता मिलने के बाद भाजपा ने अपना सारा ध्यान दक्षिणी राज्यों में लगा दिया है। जिसके मद्देनजर भाजपा में नए संगठन महामंत्री के तौर पर श्री बी एल संतोष को यह दायित्व सौंपा गया है।

भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ मेल-मिलाप के चलते आजकल वे पार्टी में केंद्र बिंदु बने हुए हैं। कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारीगण व सरकार के कई दिग्गज मंत्री भी उनसे मिलने के लिए पार्टी मुख्यालय में दिखते नजर आते हैं। पार्टी के संगठन महामंत्री के रूप में बीएल संतोष अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। भाजपा की ओर से 14 जुलाई, 2019 को उन्हें संगठन महामंत्री का दायित्व सौंपा गया है। इससे पहले वे सह संगठन महामंत्री का दायित्व संभालते आ रहे थे। तेरह वर्षों तक लगातार पार्टी के संगठन महामंत्री का दायित्व संभालने वाले श्री रामलाल अब वापस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में चले गए और उन्हें संघ के 'अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख जैसे पद की जिम्मेदारी दी गई है।

वैसे तो श्री संतोष रा.स्व.संघ के प्रचारक रहे हैं लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में उन्होंने दक्षिणी भारत में ज्यादा काम किया है। उन्हें अधिकतर कार्यकर्ताओं के नाम व चेहरे याद रहते हैं। कुशाग्र बुद्धि के धनी श्री संतोष पेशे से इंजीनियर हैं लेकिन वे चुनाव प्रबंधन और पार्टी के संगठनात्मक दायित्वों को कुशलतापूर्वक निभाने के लिए जाने जाते हैं। 2014 में पार्टी के सह संगठन महामंत्री से पहले उन्हें आठ साल तक कर्नाटक प्रदेश का संगठन महामंत्री रहने का अनुभव प्राप्त है। कर्नाटक का संगठन महामंत्री रहते उन्होंने केरल व तमिलनाडु में पार्टी को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई। संगठन मजबूत करने के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश, गुजरात के अलावा पूर्वी राज्यों में भी अपनी योग्यता प्रमाणित की। 1993 में रा.स्व.संघ का प्रचारक बनने के बाद बीएल संतोष ने नगर प्रचारक, जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक, जैसे दायित्व निभाए तो शिमोगा में भाजपा के संगठन महामंत्री का दायित्व भी शामिल है।

श्री रामलाल के साथ उनके आत्मीय संबंध रहे हैं। रामलाल जी के बारे में वे कहते हैं कि उनके जैसों के लिए वे पिता तुल्य हैं। श्री रामलाल सघन प्रवास करने और नियमित रूप से संगठनात्मक बैठक लेने के लिए जाने जाते है। उनका सादगी भरा व्यक्तित्व ही हमेशा कार्यकर्ताओं को प्रेरित करता रहा है। कार्यकर्ता वरिष्ठ हो या नवागंतुक, विचार विनिमय के लिए वे सहज ही सामंजस्य बिठा लेते थे। श्री रामलाल की परंपरा को आगे ले जाने की काशिश में श्री संतोष इन दिनों ज्यादा से ज्यादा समय कार्यकर्ताओं के साथ मिलने-मिलाने में दे रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यालय का प्रथम तल इन दिनों कार्यकर्ताओं की आवाजाही के चलते भरा रहता है। यूं तो सभी राज्यों से कार्यकर्ता उनसे मिलने आ रहे हैं लेकिन, दक्षिण मूल का होने के कारण दक्षिण भारत के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। जो जिस भाषा में बात करता, उसी भाषा में भाव उडे़ल देते हैं श्री संतोष। दक्षिण के कार्यकर्ताओं के साथ उनका भाषायी संवाद जैसे आत्मीय भाव से जोड़ देता है। यही कारण है कि उनके कार्यालय के समक्ष सुबह ग्यारह बजे से ही कार्यकर्ताओं का आना-जाना शुरू हो जाता है, जो शाम पांच तक चलता रहता है। श्री संतोष में भलमनसाहत ऐसी कि उन्हें बीच में किसी कार्यवश बाहर जाना होता है तो वे आगन्तुकों को कहकर जाते कि इंतजार करें, मैं कार्य निपटाकर आता हूं और आपसे बात करता हूं। भाजपा अगर आज 18 करोड़ सदस्यों के साथ इस संख्या को पार कर गई है तो उसके पीछे पदाधिकारियों का आचरण और व्यवहारकुशलता ही प्रमुख और बड़ा करण है।

श्री रामलाल ने लगातार तेरह साल तक इस पद पर रहते तीन-तीन अध्यक्षों के साथ काम किया है। राजनाथ सिंह से लेकर नितिन गडकरी और अमित शाह तक। इस दौरान पार्टी अपनी यात्रा करते हुए चरम तक पहुंची। मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मानते हैं कि पार्टी का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है और यह तब होगा जब पार्टी केरल और पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाए। ऐसे में भाजपा अब जबकि दक्षिण में पैर पसारने के संकल्प को लेकर प्रतिबद्ध है तो संगठनात्मक कौशल के लिए बीएल संतोष से उपयुक्त चेहरा और कौन हो सकता था? श्री संतोष के समक्ष विशिष्ट कार्ययोजना है। अपनी कुशल संगठनात्मक क्षमता व दूरदर्शिता के चलते निश्चित रूप से वे पार्टी को और अधिक विस्तार देंगे।

Updated : 3 Sep 2019 9:01 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top