Home > एक्सक्लूसिव > राजाबाबू सिंह : सामाजिक चेतना के प्रहरी

राजाबाबू सिंह : सामाजिक चेतना के प्रहरी

प्रो. उर्मिला सिंह तोमर

राजाबाबू सिंह : सामाजिक चेतना के प्रहरी
X

भारत की पावन भूमि पर समय-समय पर अनेक महापुरुषों ने अवतरित होकर अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से भारतीय जनमानस एवं समाज को विविध प्रकार से प्रभावित एवं प्रकाशित किया है।

प्रत्येक काल में इस धरती पर विभिन्न विभूतियां अपना ज्ञान जन सामान्य में बांटकर उन्हें जाग्रत करने का कार्य करती रही हैं। अनेक, साहित्यकार, चिंतक, मनीषी, साधु-संत, महात्मा महापुरुष अपना सम्पूर्ण जीवन सामान्य जनजीवन की सेवा एवं परोपकार हेतु अर्पित करते रहे हैं। ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों पर ईश्वर की अपरम्पार कृपा दृष्टि होती है, तभी वे अपना सर्वस्व समर्पित करके दुखी-गरीब जन का भला करते आये है। अपने इन्हीं विशिष्ट कार्यों के द्वारा वे अलग ही पहचाने जाते हैं तथा उनके परोपकारी कार्यों से प्रभावित होकर जनमानस उन्हें अपने हृदयस्थ कर उनमें ईश्वरीय आभा का आभास पाता है। लोग इस तरह की विभूतियों से देवत्व के दर्शन कर उन्हें युगों-युगों तक स्मरण करते हंै।

वर्तमान के कलिकाल में जब समाज में चतुर्दिक एक होड़ और मारामारी तथा अफरातफरी सी मची हुई है, एक तरफ विसंगतियों की भरमार है तब ऐसे कुहासा युक्त समय में भारत की धरा पर ऐसे ही हर प्रशासनिक अधिकारी श्री राजबाबू सिंह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर जोन अपने विविध प्रकार के शुभ कृत्यों द्वारा समाज को एक नयी दिशा देने हेतु प्राणपण से संलग्न हैं।

श्री राजाबाबू सिंह समस्त विषयों पर अत्यंत बारीकी एवं स्पष्टता से अपने विचार रखने में माहिर हैं। उनकी विचाराभिव्यक्ति देखते ही बनती है। वे किसी भी विषय के एक-एक बिंदु पर बहुत ही बेबाकी से अपने विचारों को अभिव्यक्त करते हैं जिससे स्वत: स्पष्ट हो जाता है कि उनका अध्ययन बहुत ही गहन है।

उन्होंने अष्टवक्र गीता, नारद सूत्र, योग वाशिष्ठय, पातंजलि योग सूत्र, श्रीमद्भगवत गीता, विज्ञान-भैरव तंत्र, गांधी दर्शन के साथ ही ओशो के साहित्य का भी अध्ययन किया है। इन समस्त गं्रथों के अध्ययन का प्रभाव उनके जीवन में स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है। सामान्यत: पुलिस महकमेे में ऐसे कम ही अधिकारी एवं कर्मचारी देखने में आते हैं जो इस तरह के विषयों से अपने जुड़ाव रखते हों एवं सामाजिक सरोकारों में जुडऩे मे रुचि रखते हों किंतु इस पुलिस महकमे के इस प्रशासनिक अधिकारी का व्यक्तित्व एकदम अनूठा है, जो उनके बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के लक्षण को हर क्षण दर्शाता है।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जोन के एडीजीपी जैसे गुरुतर दायित्व को कुशलता से निभाते हुये भी वे लगभग प्रतिदिन किसी न किसी संस्थान में जाकर किसी भी विषय पर अत्यंत निपुणता से व्याख्यान देते दिखाई देते हैं, और यह सब जैसे उनका शौक है। वे बड़ी ही प्रसन्नता से कहते हैं कि मैं किसी भी विषय पर बोल सकता हूं और किसी भी विषय पर बहुत ही अच्छा लिखता भी हूं और यह बात एकदम सही है कि उन्हें व्याख्यान देते हुए देखकर सुनकर उनके पुलिस जैसे विभाग में होने पर आश्चर्य होता है। वे अपनी ड्यूटी के साथ-साथ नियमित रूप से सामाजिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं। जनता के बीच उनका जुड़ाव उनकी एक अलग ही छवि बनाता है।

इसके अतिरिक्त यह प्रशासनिक अधिकारी अंतर्मन से एक असली वीतरागी भी है। उनके द्वारा कुछ ही दिनों पूर्व दतिया स्थित पीताम्बरा माई के दरबार में नौ दिवसों में शतचण्डी पाठ का आयोजन किया गया तत्पश्चात वनखण्डेवर महादेव का रुद्राभिषेक विधि विधान पूर्वक किया गया। अभिषेक के पश्चात उन्होंने भण्डारा कराकर भक्तजनों को प्रसादी खिलाई इसके उपरांत समस्त भक्तजनों को उनके द्वारा गीता की प्रतियों का वितरण किया गया। प्रांगण में स्थित विद्यालय में जाकर बच्चों के बीच उन्होंने श्रीमद्भगवत गीता के महत्व को बताते हुए गीता की प्रतियां भेंट की तथा कहा कि बच्चों को सर्वप्रथम गीता का अध्ययन करवाया जाये, जिससे उनमें पनप रही कुवृत्तियों-कुण्ठाओं का नाश हो तथा नव ऊर्जा का संचार हो। यह बच्चे ही हमारे भारतीय समाज का भविष्य हैं। अभिषेक के दौरान धारण की गई पारंम्परिक वेशभूषा को देखकर कोई भी धोखा खा जाता कि यह तो कोई संन्यासी ही है। वे बड़े ही मनोयोग से इस बात को कहते हैं कि अब मैं पचास से ऊपर का हो गया हूं अत: मेरा वानप्रस्थ प्रारंभ हो गया है। उन्होंने अपने गांव तथा अन्य स्थलों पर वृक्षारोपण करवाया जिसमें असंख्य मात्रा में पीपल के पौधे एवं अन्य पौधे रोपे गये। स्वच्छ जल को कैसे संरक्षित किया जाये? नदियों को कैसे स्वच्छ रखा जाये? धरती को पॉलीथिन और कचरा रहित रखने हेतु वे निरंतर प्रयासरस रहते हैं।

चोर उचक्के बदमाशों की धरपकड़ हो अथवा टै्रफिक पुलिस की लापरवाही उनकी पैनी नजर समाज में प्रत्येक क्षेत्र में बखूवी रहती है ऐसे बहुमुखी प्रतिभा संपन्न प्रशासनिक अधिकारी को पाकर ग्वालियरवासी राहत की सांस ले रहे हैं तथा उनके विविध क्षेत्रों में नियमित रूप से किये जाने वाले सामाजिक कार्यों की सराहना करते नजर आ रहे हैं। प्रशासनिक कौशल एवं सत्संग के प्रभाव ने इस अधिकारी के व्यक्तित्व को एक अनुपम दिशा प्रदान की है जो निश्चित ही भारतीय समाज के लिए शुभ संकेत का सूचक है।

Updated : 21 Dec 2019 11:45 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top