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'तिवारी और भभूति दिलफेंक हैं बस हंसाने के लिए'

तिवारी और भभूति दिलफेंक हैं बस हंसाने के लिए
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बेशक मनमोहन तिवारी और विभूतिनारायण मिश्रा दिलफेंक हैं मगर सिर्फ आपको हंसाने के लिए। हम सीमाएं जानते हैं और उसी के अंदर 5 साल से देश के करोड़ों दर्शकों को हंसा रहे हैं। भाबीजी घर पर हैं सीरियल आज सपरिवार देखा जाता है। मां बाप बच्चों के साथ हमें देखकर लजाते नहीं बल्कि हंसते और हंसाते हैं। ये बस कुछ नहीं पूरी टीम का समर्पण और ईश्वर का आशीर्वाद है।


यह कहना है लोकप्रिय सीरियल भाबीजी घर पर हैं वाले मनमोहन तिवारी मतलब जाने पहचाने अभिनेता रोहिताश्व गौड़ का। स्वदेश से उनकी विस्तृत बात हुई। पेश हैं साक्षात्कार के मुख्य अंश

प्रश्न: हम सबके चहेते तिवारी जी कहां के रहने वाले हैं, अभिनय में आना कैसे हुआ?

रोहिताश्व.... मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूं। मेरी माताजी रंगमंच का देश का बहुत पुराना विद्यालय चलाती रहीं तो पिताजी थियेटर से निरंतर जुड़े रहे। रंगमंच मुझे विरासत में मिला है। मैं नई दिल्ली में एनएसडी में रहा। वहां सीमा विश्वास, संजय मिश्रा जैसे मंजे कलाकार मेरे बैचमेट रहे।

प्रश्न: सिने जीवन की मुंबई में शुरुआत कैसे हुई?

रोहिताश्व.... सभी की तरह मेरी भी शुरुआत संघर्ष से हुई। मुझे सबसे पहला बे्रक सतीश कौशिक, राजा बुन्देला ने दिया। उन दिनों हम चाल में रहा करते थे। तब मकान मालिक ने अपना कमरा एक दिन बर्थडे मनाने के लिए खाली करवा लिया। हमें रात छत पर गुजारनी पड़ी और दुर्भाग्य से छत पर टंकी का टपकता पानी उस रात मेरी पीठ को बीमारी दे गया। मेरी खराब हालत ने मुझे मुंबई छोडऩे को मजबूर कर दिया। आगे नई दिल्ली में प्रोफेशनल थियेटर में कुछ सालों काम के बाद दुबारा मुंबई आना हुआ।

प्रश्न: तमाम सीरियल और फिल्मों के बाद भाबीजी के तिवारी कैसे बने?

रोहिताश्व.... सूरदास से लेकर, वीर सावरकर, मुन्नाभाई एमबीबीएस में काम करते-करते हम लापतागंज से घर-घर पहुंचे थे। भाबीजी सीरियल के लिए एक अन्य कलाकार के साथ एक शो तक बन गया था मगर ईश्वर को कुछ और मंजूर था। टीम से

बुलावा आया। पत्नी ने भी नये चैनल की जगह मुख्य किरदार के कारण हांमी दे दी और आखिर हम बन गये आप सबके मनमोहन तिवारी।

प्रश्न: भाबीजी घर पर हैं सीरियल लोगों ने पसंद किया। इस सफलता को आप कैसे देखते हैं?

रोहिताश्व: भई हमारे आपके कॉलोनी मोहल्ले और शहरों में ऐसे मनचले सब जगह हैं। खुलकर कहूं तो ये दायरे में रहने वाले दिलफेंक हैं जो देखकर ही खुश होते रहते हैं। ये मजाकिया किरदार हंसाने वाले हैं जीवन का कुछ तनाव कम करने वाले हैं बस सब इसीलिए पसंद कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि हमारे कलाकार और प्रोडक्शन दोनों ने इस सीरियल को सबको साथ बैठकर हंसाने गुदगुदाने वाला बना रखा है।

प्रश्न: अनीता भाभी को चाहने वाले तिवारीजी के बारे में रोहिताश्व जी की जीवनसंगिनी क्या कहती हैं?

रोहिताश्व: भइया वे कहती हैं कि मैं जानती हूं कि आप वहां सिर्फ एक अभिनेता हो। तुम कल सूरदास, सावरकर बने थे तो आज तिवारीजी हो। आप बस अपने किरदार में परफेक्ट रहकर हंसाते रहो वे हर बार यही कहती हैं।

प्रश्न: भाबीजी घर पर हैं की टीम की क्या यादें रही हैं?

रोहिताश्व..... अंगूरी, विभूतिजी, अनीता भाभी हमको, हप्पू सिंह, सक्सेना से लेकर हमारी पूरी टीम को पांच साल से करोड़ों दर्शक 5 साल से बार-बार लगातार देख रहे हैं ये सबसे ज्यादा यादगार बात है। हम शूटिंग के दौरान आउटडोर में दर्शकों से मिलते हैं। उनसे काफी कुछ रिस्पांस जानते हैं। बहुत मजा आता है। ये यात्रा शानदार है। हमारे डॉयलॉग सही पकड़े हैं,, आई लाइक इट, पगली से लेकर चिरांद नल्ला जैसे शब्द लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं ये इस शो की बड़ी कामयाबी है।

प्रश्न: भविष्य के लिए कुछ और नया?

रोहिताश्व ..... इस वक्त सबसे नया बेवसीरीज है। उनमें कलाकारों को अच्छे मौके मिले हैं। मैं भी बेवसीरीज में अच्छा काम करना चाहता हूं। अच्छा प्रस्ताव मिला तो जल्द ही आप हमें वहां भी देखेंगे।

प्रश्न: भाबीजी घर पर हैं की सफलता का असल राज क्या है?

रोहिताश्व: निर्देशक शशांक वाली व मनोज अवस्थी का लेखन और स्क्रीन प्ले गजब का है। बाकी अंगूरी (शुभांगी अत्रे), विभूतिनारायण मिश्रा(आशिफ शेख), अनीता भाभी (सौम्या टंडन), हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी), सक्सेना (सानंद वर्मा) के अलावा हम तिवारीजी बने रोहिताश्व भी आप सबका प्यार पा रहे हैं। ईश्वर से यही चाहेंगे कि हमारा शो सबको हंसाता गुदगुदाता और टेंशन फ्री करता रहे।

Updated : 17 Sep 2019 11:48 AM GMT
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