Home > मनोरंजन > धारावाहिकों में बुंदेली किरदारों की धाक

धारावाहिकों में बुंदेली किरदारों की धाक

विवेक कुमार पाठक

धारावाहिकों में बुंदेली किरदारों की धाक
X

विकास से पिछड़े बुन्देलखंड का रौब इन दिनों मुंबई में छाया हुआ है। बुंदेली में पगे हुए संवाद एंटरटेनमेंट चैनलों की टीआरपी बने हुए हैं। झांसी से नजदीकी वाले दरोगा हप्पू सिंह के किरदार में कलाकार योगेश त्रिपाठी पूरे देश को बुंदेली सुनना और बोलना सिखा रहे हैं। काए कां गए थे और काय का हो रओ जैसे बोल इन दिनों टीवी दर्शकों की जुबान पर छाए हुए हैं।

बुन्देली इन दिनों 2019 से एंड टीवी पर शुरु हुए मनोरंजक धारावाहिक हप्पू की उलटन पलटन में सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। इस धारावाहिक के केन्द्रीय पात्र दरोगा हप्पू सिंह ही हैं। वास्तव में अभिनेता योगेश त्रिपाठी की तारीफ करनी होगी कि अपनी माटी और अपनी बोली को वो खूब मुंबई सिने दुनिया में मान सम्मान दिला रहे हैं। वे असल में बुन्देलखंड के अंतर्गत आने वाली झांसी शहर के नजदीक से ही अदाकारी की दुनिया में आए हैं। पर्दे पर जिस बोली में वे अपनी पत्नी मां और बच्चों से नौ नौ ठइया करते रहते हैं असल में यह उनकी पैदायशी बोली है सो उनका अभिनय तो एकदक किरदार में उतरा हुआ होता है और भाषा भी बिल्कुल अंदर से निकलती है।

दरोगा हप्पू सिंह ने सबसे पहले करीब सात साल पहले भाबी जी घर पर हैं सीरियल से बुन्देली का आगाज किया। कानपुर की मॉर्डन कॉलोनी में तिवारीजी और वभूति जी की नोंकझोंक और यारबाजी के बीच दरोगा हप्पू सिंह पुराने स्कूटर पर आकर जो एंट्री करते हैं दर्शक बाग बाग हो जाते हैं। भई उनका अंदाज ही ऐसा निराला है कि अपनी चुलबुली पुलिसगिरी में वे न्यौछावर के नाम से रिश्वत लेकर भी गुस्से की जगह हंसा जाते हैं। मॉडर्न कॉलोनी वाले हप्पू सिंह इस सीरियल में कुछ ऐसे मसखरे थानेदार बने हैं कि नौ नौ ठइया बच्चे और प्रीगनेंट बीबी के नाम पर उगाही करते हुए भी वे दर्शकों को खूब हंसाते हैं।

एंड टीवी के इस लोकप्रिय सीरियल में मंझे हुए कलाकार रोहिताश्व गौड़ और आसिफ शेख के बाद सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पुरुष कलाकार दरोगा हप्पू सिंह मतलब झांसी वाले योगेश त्रिपाठी ही रहे। परंपरागत बुन्देली बोली में हास परिहास वाले उनके संवाद कुछ किस कदर लोगों की जुबान पर छाए कि निर्देशक शशांक बाली ने हप्पू सिंह पर ही अगला सीरियल समर्पित कर दिया। हप्पू सिंह की उलटन पलटन नाम से यह सीरियल बुन्देली बोली को देश दुनिया तक पहुंचा रहा है। सीरियल में हप्पू सिंह व उनकी पत्नी राजेश जोकि इंदौर की कामना पाठक बनी हैं। ये दोनों इते और उते जहीं और वहीं जैसे तमाम शब्दों से बुन्देली की लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं। इस पूरे सीरियल में सारे किरदार बुन्देली में रचे बसे शब्दों के जरिए खूब हंसी उड़ेल रहे हैं।

टीवी पर बुन्देली का यह जलवा कई अन्य सीरियलों में जमकर चल रहा है। गुडिय़ा हमारी सब वे भारी भी बुन्देली को समर्पित सीरियल है। इसमें चुलबुली गुडिय़ा का किरदार सारिका बहरोलिया निभा रही हैं। वे सीरियल में बुन्देली के शब्दों से खूब टीआरपी बटोर रही हैं। पाठकों के लिए इससे अच्छा क्या लगेगा कि मुंबई सीरियल जगत में धूम मचाने वाली गुडिय़ा तो अपने ग्वालियर में ही पली बढ़ी हैं। गुडिय़ा मतलब सारिका ने ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय से नृत्य की शिक्षा ली और फिर आगे अभिनय को अपना करियर बना लिया। सारिका भी टीवी पर बुन्देली बोली बोलते हुए खूब लोकप्रिय हो रही हैं। इन तीन सफल सीरियलों के अलावा टीवी पर बुन्देली संवादों की मांग और उनको पसंद करने वाले बढ़ते जा रहे हैं। यह पसंद का सिलसिला बढ़ता रहे। एमपी और यूपी के बीच वाले विकास की राह देखते बुन्देलखंड की बोली में पगे शब्द देश दुनिया तक पहुंचे इससे बेहतर क्या बात होगी।

बोली पहुंचेगी तो उसे बोलने वाले लोग भी बड़े मंचों तक पहुंचेंगे इसमें कोई संदेह नहीं है। बुन्देलखंड की बोली का यह सफरनामा वहां से नए नए कलाकारों को मुंबई में निश्चित ही बेहतर मौके दिलाएगा।

Updated : 8 Dec 2019 11:12 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top