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सेबी ने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़े नियम तय किए

सेबी ने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़े नियम तय किए
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sets strict rules on those who violate the rulesमुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में खुलासा नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़े नियम तय किए हैं। सेबी ने कहा है कि खुलासा नियमों का अनुपालन पूरा होने तक सूचीबद्ध कंपनियों को प्रतिदिन 20 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। कंपनी से मिलने वाले जुर्माने की राशि को निवेशक सुरक्षा कोष में जमा किया जाएगा।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि पूंजी निर्गम और खुलासा नियमनों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर शेयर बाजार कंपनियों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया है। सेबी ने कहा है कि अगर सूचीबद्ध कंपनियों का बोनस इश्यू कंपनी निदेशक मंडल की मंजूरी की तिथि से 15 दिन से ज्यादा देरी से आता है तो संबंधित कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम उन कंपनियों के मामले में है, जहां निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद बोनस इश्यू के लिए शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है।

नियामक के मुताबिक बोनस इश्यू के लिए जिन कंपनियों में शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है, वहां निदेशक मंडल की बैठक के बाद दो माह के भीतर अगर बोनस इश्यू नहीं आता है, तो संबंधित कंपनियों पर जुर्माना लागू हो जाएगा। बाजार नियामक ने चेतावनी दी है कि बोनस इश्यू के मामले में देरी होने की स्थिति में प्रवर्तकों के हिस्से के बोनस शेयरों की सूचीबद्धता और उनमें सौदों की अनुमति जरूरी जुर्माने का भुगतान करने के बाद ही होगी। साथ ही प्रवर्तकों को छोड़कर अन्य निवेशकों के हिस्से के बोनस शेयरों को सूचीबद्ध करने और उनमें सौदों की मंजूरी होगी। यह निवेशकों के हित में होगा।

सेबी ने कहा है कि ऐसा करते समय दूसरी जरूरतों के अनुपालन को ध्यान में रखना होगा। इसके अलावा आवंटन के बाद 20 दिन के भीतर शेयरों को सूचीबद्ध कराना होगा। सूचीबद्धता की मंजूरी मिलने के बाद सात दिन के भीतर उनमें सौदों के लिए शेयर बाजार के पास आवेदन करना होगा। इसमें असफल रहने पर कंपनी को जुर्माना देना होगा। कंपनी से मिलने वाले जुर्माने की राशि को निवेशक सुरक्षा कोष में जमा किया जाएगा। नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली सूचीबद्ध कंपनी को शेयर बाजार नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जुर्माने का भुगतान करने को कहेंगे।

पंजीकृत कंपनियों को सात कार्य दिवस में स्टॉक एक्सचेंज के पास ट्रेडिंग अनुमोदन के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। लिस्टिंग अनुमोदन के बाद ऐसा न करने वाली कंपनियों के खिलाफ भी जुर्माना लगाया जाएगा।

Updated : 20 Aug 2019 8:58 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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