सुरेश प्रभु की विश्व बैंक की टीम के साथ बैठक खत्म, व्यापार, लॉजिस्टिक्स और निवेश पर हुई बातचीत
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नई दिल्ली। व्यापार, लॉजिस्टिक्स और निवेश के विशिष्ट क्षेत्रों में सहयोग करने के साथ भारत के विकास के लिए विश्व बैंक से मिल रहे सहयोग को और मजबूत करने के तरीके तलाशने को लेकर भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच बैठक हुई।
भारत सरकार की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने बैठक में हिस्सा लिया जबकि विश्व बैंक की ओर से टीम की अगुवाई क्षेत्रीय एकीकरण एवं निवेश विभाग की व्यापार निदेशक कैरोलीन फ्रेउंड और भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने की।
सुरेश प्रभु ने इस दौरान एक राष्ट्रीय एकीकृत लॉजिस्टिक नीति (एनआईएलपी) विकसित करने के लिए मंत्रालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर रोशनी डाली। इस नीति के तहत भंडारण एवं गोदाम (वेयरहाउसिंग) की क्षमता बढ़ाने और अन्य मूल्यवर्धित सेवाओं पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा, परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करते हुए मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्कों को भी जिला स्तर तक विकसित किया जा रहा है।
प्रभु ने इस दौरान भारत के निर्यात में 100 अरब डॉलर की वृद्धि करने हेतु विशिष्ट उत्पादों और बाजारों की पहचान करने के लिए मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के लिए उत्पाद विशेष आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) को सही ढंग से समझने की जरूरत को भी रेखांकित किया, ताकि उन्हें वैश्विक सप्लाई चेन में प्रभावकारी ढंग से एकीकृत किया जा सके। राष्ट्रीय एकीकृत लॉजिस्टिक नीति से वस्तुओं की लागत घट जाएगी एवं भारतीय उत्पाद और ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।
बैठक में इस बात पर सहमति जताई गई कि विश्व बैंक और संबंधित मंत्रालयों के साथ एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, ताकि भारतीय उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (वैल्यू चेन) में एकीकृत करने के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु देश में लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने के लिए आवश्यक विशिष्ट कदमों या उपायों की पहचान की जा सके।
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