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सबरीमाला प्रकरणः तृप्ति देसाई बैरंग पुणे लौटीं, मंदिर के कपाट खुले

सबरीमाला प्रकरणः तृप्ति देसाई बैरंग पुणे लौटीं, मंदिर के कपाट खुले
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तिरुवंतपुरम। पुणे की सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई अयप्पा भक्तों के तीव्र विरोध के कारण शुक्रवार को सबरीमाला मंदिर नही जा सकीं तथा केरल पुलिस के आग्रह पर उन्होंने बैरंग लौटने का फैसला किया। तृप्ति देसाई ने पहले ऐलान किया था कि वह बिना सबरीमाला में दर्शन पूजन किए नहीं लौटेंगी लेकिन अयप्पा भक्तों की घेरेबंदी के कारण वह कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकल सकीं। पुणे से आज तड़के साढ़े चार बजे कोच्चि पहुंची तृप्ति देसाई और भू-माता ब्रिगेड की उनकी सहयोगी कार्यकर्ता करीब 15 घंटे से अधिक समय तक हवाई अड्डे के भीतर फंसी रहीं। बाद में तृप्ति ने कहा कि वह रात की उड़ान से लौट रही हैं। उन्होंने कहा कि वह पूरी तैयारी के साथ फिर लौटेंगी, उन्होंने हार नही मानी है तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लौटने का कदम उठाया है।

इससे पूर्व तृप्ति ने कहा था कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया है कि वे उन्हें कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सबरीमाला मंदिर तक पहुंचाने के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान करने की स्थिति में नही हैं। उन्होंने बताया था कि पुलिस ने कहा है कि अयप्पा भक्तों के व्यापक विरोध के कारण तृप्ति का आगे जाना खतरे से खाली नहीं है। यदि पुलिस संरक्षण कराया भी जाए तो इस बात की गारंटी नहीं है कि वह सकुशल मंदिर तक पहुंच पाएंगी। पुलिस को यह भी आशंका थी कि केरल में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।

उल्लेखनीय है कि तृप्ति देसाई के नेतृत्व में भू- माता ब्रिगेड की महिलाओं का एक दल आज तड़के साढ़े चार बजे कोच्चि पहुंचा था। उनके आगमन की खबर मिलते ही अयप्पा भक्त हवाई अड्डे के निकास द्वार पर इकट्ठा हो गए। जैसे-जैसे दिन चढ़ा वैसे-वैसे प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती गई। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे अयप्पा भक्त नामजप यज्ञ करते हुए हवाई अड्डे पर डटे रहे। विरोध आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अयप्पा धर्मसेना के अध्यक्ष राहुल ईश्वर भी कुछ समय के लिए वहां आए। उन्होंने बताया कि सबरीमाला मंदिर की परंपरा की रक्षा करने के लिए उनका विरोध गांधीवादी तरीके से जारी रहेगा और तृप्ति देसाई को लौटना होगा।

इस बीच सबरीमाला के कपाट आज शाम पांच बजे खुल गए। मुख्य पुजारी के अगुवाई में पुजारियों ने कपाट खुलने का धार्मिक कर्मकांड संपन्न किया। इसके बाद 41 दिन तक व्रत रखने श्रद्धालुओं ने सीमित संख्या में मंदिर में प्रवेश किया। आम भक्त शनिवार से मंदिर में पूजन दर्शन कर सकेंगे।

राज्य में मंदिरों की देखभाल करने वाले त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड के अध्यक्ष पदम कुमार ने सबरीमाला और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस द्वारा लागू किए गए निर्देशों की आलोचना की है। प्रशासन ने रात दस बजे के बाद खानपान की दुकानें बंद करने का निर्देश दिया है, जिसका बोर्ड ने विरोध किया है। अयप्पा भक्तों ने आरोप लगाया है कि पूरे क्षेत्र में यात्रियों के लिए शौचालय, पेयजल और आवागमन की सुविधाओं का अभाव है। अब तक उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में आनाकानी कर रहे त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड ने कहा है कि वह न्यायालय से गुहार करेगा कि प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने संबंधी फैसले पर अमल के लिए उसे कुछ और समय दिया जाए।

Updated : 16 Nov 2018 7:59 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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