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साधु बोलते हैं फर्राटेदार इंग्लिश, IIT - IIM के अलावा विदेशों में दे चुके हैं व्याख्यान

साधु बोलते हैं फर्राटेदार इंग्लिश, IIT - IIM के अलावा विदेशों में दे चुके हैं व्याख्यान
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले महीने कुंभ मेला को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकीं है। शाही स्नान की तारीख का ऐलान हो चुका है। कुंभ के दौरान यहां आने वाले साधुओं के अखाड़ के आकर्षण का केंद्र होते हैं।

अक्सर ये माना जाता है कि साधु संत पढ़े लिखे नहीं होते हैं। अगर पढ़े लिखे होते हैं तो उनको हिंदी या संस्कृत ही ज्ञान होता है। इनको इंग्लिश तो बिलकुल भी नहीं आती होगी लेकिन सच्चाई इससे इतर है। भारत में ऐसा भी अखाड़ा है जहां पर साधु काफी पढ़े-लिखे हैं। कुंभ में आने वाले ऐसे साधु भी हैं, जो आईआईटी और आईआईएम में व्याख्यान दे चुके हैं। इनमें कई तो डाक्टर और प्रोफेसर भी रहे हैं। जो हिंदी, संस्कृत की तरह ही फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलते हैं। ये अखाड़ा है निरंजनी अखाड़ा।

कुंभ में आने वाला निरंजनी अखाड़ा सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा बताया जाता है। देश के कोने-कोने से आने वाले साधु-संतों के इन अखाड़ों में से 7 की स्थापना शंकराचार्य ने खुद की थी।

निरंजनी अखाड़ा के करीब 70 फीसदी साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है, जिसमें डॉक्टर से लेकर प्रोफेसर, कानूनविद्, संस्कृत के विद्वान और आचार्य शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस अखाड़े के एक संत स्वामी आनंदगिरि नेट क्वालिफाइड हैं। वह देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान भी दे चुके हैं, जिसमें आईआईटी खड़गपुर, आईआईएम शिलांग, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सिडनी यूनिवर्सिटी शामिल हैं। वह गेस्ट लेक्चरर के तौर पर अहमदाबाद भी जाते रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक निरंजनी अखाड़ा इस समय इलाहाबाद और हरिद्वार में पांच स्कूल-कॉलेजों को संचालित कर रहा है। इन स्कूल-कॉलेजों के मैनेजमेंट से लेकर सारी व्यवस्थाएं इस अखाड़े के संत ही संभालते हैं। इस अखाड़े में फिलहाल 10 हजार से अधिक नागा संन्यासी हैं जबकि महामंडलेश्वरों की संख्या 33 है। इस अखाड़े में महंत और श्रीमहंतों की संख्या एक हजार से भी अधिक है।

15 जनवरी से मेले की शुरुआत हो जाएगी जो 4 मार्च को शिवरात्रि के साथ संपन्न होगा।

Updated : 5 Jan 2019 9:39 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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