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रैनबैक्सी विवाद : जापानी कंपनी को भुगतान करना होगा साढ़े तीन हजार करोड़

- सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के प्रमोटर मलविंदर और शिवेंद्र को दिया निर्देश, कहा- 28 मार्च तक बताएं, इस रकम को कैसे चुकाएंगे?

रैनबैक्सी विवाद : जापानी कंपनी को भुगतान करना होगा साढ़े तीन हजार करोड़
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह से कहा कि उन्हें सिंगापुर ट्रिब्युनल में तय साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये जापानी कंपनी दायची सैंक्यो को भुगतान करना होगा। कोर्ट ने दोनों भाइयों को 28 मार्च को कोर्ट में पेश होकर इस रकम को चुकाने का विस्तृत ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष गुरुवार को मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान मलविंदर सिंह ने कहा कि अब व्यवसाय उनके भाई शिवेंद्र सिंह चला रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि आपने व्यवसाय छोड़ दिया है वो तो ठीक है, लेकिन आप 28 मार्च तक ये बताएं कि आप सिंगापुर ट्रिब्युनल में तय साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये कैसे चुकाएंगे? कोर्ट ने कहा कि यह व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है। ये देश की प्रतिष्ठा का सवाल है क्योंकि फैसला सिंगापुर ट्रिब्युनल ने किया है।

कोर्ट ने दोनों भाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप 28 मार्च तक ये रकम चुकाने की विस्तृत योजना नहीं बताते हैं तो ये आपका कोर्ट में पेश होने का अंतिम दिन हो सकता है।

सिंगापुर ट्रिब्युनल के आदेश को लागू करने के लिए दायची सैंक्यो ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोनों भाइयों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दायची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था और 2005 में सन् फार्मास्युटिकल के साथ विलय कर लिया था।

Updated : 14 March 2019 1:46 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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