CAA पर कपिल सिब्बल को मिला कांग्रेस नेता का समर्थन, जानें क्या कहा
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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं ने जो बातें कही हैं, उससे मोदी सरकार को घेरने की कांग्रेस की कोशिशों को झटका लग सकता है। कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद ने भी नागरिकता कानून को लेकर कपिल सिब्बल की बात दोहराई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल के बाद अब सलमान खुर्शीद ने भी इस बात पर हामी भरी है कि संवैधानिक तौर पर कोई भी राज्य इसे लागू करने से इनकार नहीं कर सकता है। बता दें कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा था कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता और ऐसा करना असंवैधानिक होगा।
सलमान खुर्शीद ने कपिल सिब्बल की बातों का समर्थन करते हुए कहा, 'संवैधानिक रूप से, राज्य सरकार के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि हम संसद द्वारा पारित कानून का पालन नहीं करेंगे। अगर सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देता है तो यह कानून की किताब पर बना रहेगा। अगर कुछ कानून की किताब पर है तो आपको पालन करना पड़ेगा, नहीं तो इसके अलग परिणाम हो सकते हैं।'
पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री ने केरल साहित्य उत्सव के तीसरे दिन कहा था, 'जब सीएए पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा। यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है। आप उसका विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से (कानून) वापस लेने की मांग कर सकते हैं। लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा, अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है।"
केरल सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने सीएए के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) का विरोध किया है।
वरिष्ठ वकील और नेता ने समझाया कि जब राज्य यह कहते हैं कि वह सीएए को लागू नहीं करेंगे तो उनका क्या मंतव्य होता है और वह ऐसा कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यों का कहना है कि वे राज्य के अधिकारियों को भारत संघ के साथ सहयोग नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा, 'एनआरसी, एनपीआर पर आधारित है और एनपीआर को स्थानीय रजिस्ट्रार लागू करेंगे। अब गणना जिस समुदाय में होनी है वहां से स्थानीय रजिस्ट्रार नियुक्त किए जाने हैं और वे राज्य स्तर के अधिकारी होंगे।'
कपिल सिब्बल ने कहा कि व्यावहारिक तौर पर ऐसा कैसे संभव है, यह उन्हें नहीं पता लेकिन संवैधानिक रूप से किसी राज्य सरकार द्वारा यह कहना बहुत कठिन है कि वह संसद द्वारा पारित कानून लागू नहीं करेगी। सीएए के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन को ''नेता और ''भारत के लोगों के बीच लड़ाई करार देते हुए 71 वर्षीय नेता ने कहा कि भगवान का शुक्र है कि देश के ''छात्र, गरीब और मध्य वर्ग आंदोलन को आगे ले जा रहे हैं, न कि कोई राजनीतिक दल।
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