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पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की ईडी को हरी झंडी

पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की ईडी को हरी झंडी
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नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पी चिदंबरम को ईडी की हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत दे दी है। स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने कहा कि चिदंबरम से पूछताछ की जाएगी। अगर उसके बाद जरूरत पड़ेगी तो ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि ईडी की हिरासत में लेने की मांग अभी प्रि-मैच्योर है।

फैसला सुनाने के दौरान जब ईडी ने चिदंबरम से राऊज एवेन्यू कोर्ट के किसी हिस्से में पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी तो कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी की गरिमा के लिए ये सही नहीं है कि किसी से पूछताछ की जाए और उसे सार्वजनिक रूप से कोर्ट में गिरफ्तार किया जाए। ईडी चिदंबरम से 16 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में पूछताछ करेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकता है और 17 अक्टूबर को उनकी हिरासत की अर्जी दाखिल कर सकता है।

कोर्ट ने चिदंबरम की ईडी हिरासत की मांग पर 14 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था । सुनवाई के दौरान ईडी ने चिदंबरम को हिरासत में लेने की मांग की थी। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हिरासत में लेकर पूछताछ की बात की है। इसका चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध करते हुए कहा था कि ईडी चिदंबरम की गिरफ्तारी और हिरासत की मांग नहीं कर सकता है। सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जब गिरफ्तार करने के लिए कहा तो ईडी ने उस समय गिरफ्तार नहीं किया। 15 दिन बीतने के बाद हिरासत में नहीं लिया जा सकता है, क्योंकि ईडी भी उसी लेनदेन की बात कर रहा है जो सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था और उस एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया था। दोनों अलग-अलग नहीं हैं। जब लेनदेन समान है तो भले ही अपराध अलग-अलग हों लेकिन 15 दिन से ज्यादा की रिमांड नहीं बढ़ाई जा सकती है।

ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब गलत सवाल से शुरुआत होगी तो दलीलें भी गलत दी जाएंगी। उन्होंने कहा था कि मनी लांड्रिंग स्वतंत्र अपराध है। अगर किसी ने अपराध किया है, उसे छिपाया है या उसे छिपाने की कोशिश की है वो अपराधी है। मेहता ने कहा था कि अगर आप 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हैं और कोई इसे इस्तेमाल करता है और निवेश करता है तो जांच एजेंसी का काम है कि उसका खुलासा करे। उन्होंने कहा था कि एक जांच एजेंसी की तरह ही दूसरी एजेंसी की जांच नहीं हो सकती है। मेहता ने कहा था कि इस कोर्ट को प्रोडक्शन वारंट के फैसले पर पुनर्विचार का अधिकार नहीं है। तब सिब्बल ने कहा था कि जब न्यायिक हिरासत पहले से है तो ईडी हिरासत की मांग नहीं कर सकता है।

ईडी की याचिका पर कोर्ट ने चिदंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था, जिसके बाद 14 अक्टूबर को चिदंबरम को कोर्ट में पेश किया गया था। पिछले 12 अक्टूबर को ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि चिदंबरम से 17 खातों और विदेशी संपत्तियों की जानकारी लेनी है। मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में चिदंबरम की हिरासत में पूछताछ की जरूरत बताई थी।

याचिका में ईडी ने कहा है कि चिदंबरम से 17 खातों और विदेशी संपत्तियों की जानकारी लेनी है। चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया डील मामले में सीबीआई केस में 17 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई । इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

Updated : 15 Oct 2019 3:02 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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