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दिल्ली-मुंबई मेन लाइन पर ट्रेनों की संख्या ज्यादा होने के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी का आंकड़ा बढ़ा।

पश्चिम-मध्य रेलवे जोन से गुजरने वालीं 408 में से 102 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। इनमें से 148 ट्रेनें भाेपाल रेल मंडल से गुजरती हैं, जिसमें से 37 ट्रेनें 1 से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं। इस मामले

दिल्ली-मुंबई मेन लाइन पर ट्रेनों की संख्या ज्यादा होने के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी का आंकड़ा बढ़ा।
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भोपाल रेल मंडल की 148 में से 37 यात्री ट्रेन 1 से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं, वजह ट्रैक मेंटेनेंस अौर नई रेल लाइनें

भोपाल. पश्चिम-मध्य रेलवे जोन से गुजरने वालीं 408 में से 102 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। इनमें से 148 ट्रेनें भाेपाल रेल मंडल से गुजरती हैं, जिसमें से 37 ट्रेनें 1 से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं। इस मामले में जोन की चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर गुंजन गुप्ता का कहना है कि ब्लॉक में कमी सहित कुछ उपाय किए जा रहे हैं, जिससे इनमें से अधिकतर को आने वाले महीनों के दौरान समय पर लाने में मदद मिल सकेगी। पश्चिम-मध्य रेलवे ने एक से 30 जून तक कुछ ट्रेनों को कैंसिल तो कुछ को आंशिक रूप से निरस्त किया है। ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी को इसी कड़ी में बीना से भोपाल के बीच आंशिक रूप से निरस्त किया गया है। जबकि इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस को पूरी तरह निरस्त रखा गया है। इसके अलावा कुछ पैसेंजर गाड़ियों को भी निरस्त कर दिया गया है।

रेल मंत्री की चेतावनी के बाद प्लानिंग

रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा गत दिवस अफसरों को चेतावनी दी गई थी कि ट्रेनें समय पर चलाएं, अन्यथा उनके प्रमोशन नहीं होंगे। इसका असर दिखना भी शुरू हो गया है। अफसर पटरियां जोड़ने लिया जाने वाला ब्लॉक का समय बदलने, ज्यादा यातायात के समय ब्लॉक न लेने जैसे काम शुरू करवा रहे हैं।

अब 8 की जगह 4 से 5 घंटे का लेंगे ब्लॉक मुख्य कारण

नॉर्दन, नार्थ ईस्ट सहित अधिकतर जोन में ट्रैक मेंटेनेंस का कार्य चलना।
जम्मू, पंजाब व दिल्ली-लखनऊ तरफ चौथी रेल लाइन का कार्य।
स्पीड बढ़ाने के लिए ट्रैक रिन्यूवल किया जाना। वर्तमान में औसत स्पीड 120 को 140 तक करने की तैयारी।

ऐसे करेंगे सुधार :--

- ट्रैक मेंटेनेंस व रिन्यूवल के ब्लॉक में कमी लाएंगे। यानी 8 की जगह 4-5 घंटे का ब्लॉक लेंगे।
- ट्रैक रिन्यूवल का काम भारी यातायात के समय की जगह खाली रहने के दौरान करेंगे।
- जिन स्थानों पर पहले से ब्लॉक जारी हैं, वहां के काम में तेजी लाकर पूरा करना।

मेन लाइन से भी बढ़ी समस्या

सबसे ज्यादा समस्या दिल्ली-मुंबई मेन लाइन पर होती है। यहां सुबह से शाम तक ट्रेनों की संख्या ज्यादा होने के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी का आंकड़ा बढ़ जाता है। पूर्व में रेलवे की पंक्चुएलिटी 89 फीसदी तक थी, जो ब्लॉक सहित अन्य कारणों से घटकर 75 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यानी आज की तारीख में मेन लाइन पर 75 फीसदी ट्रेनें ही सही समय पर चल पा रही हैं।



Updated : 6 Jun 2018 2:13 PM GMT

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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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