पंचतत्व में विलीन हुई दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
नई दिल्ली। नम आंखों से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया। इस दौरान कई बड़े नेता और मंत्री मौजूद थे। भारी बारिश के बावजूद लोग शीला दीक्षित को अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद रहे। आपको बताते जाए कि
दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 81 साल की उम्र में शनिवार को एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया था। उन्होंने 3.55 बजे अंतिम सांस ली। आज दोपहर में कांग्रेस कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा गया था।
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-दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया।
-निगमबोध घाट पर शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं।
- निगमबोध घाट लाया गया शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर, थोड़ी देर में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार।
- गृहमंत्री अमित शाह निगमबोध घाट पहुंच गए हैं।
- शीला दीक्षित की अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट के लिए रवाना।
- कांग्रेस मुख्यालय पर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
- कांग्रेस मुख्यालय शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर लाया गया। वहां कर रहे अंतिम दर्शन।
-पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहां वे दिवंगत शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी।
- पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिवंगत शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी।
-जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दिवंगत शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी।
- शीला दीक्षित के दर्शन करने उमडे लोग।
शीला दीक्षित कुछ समय से बीमार चल रही थीं, जिसके बाद उन्हें एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को 3 बजकर 5 मिनट पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा और 3.55 बजे उनका निधन हो गया। इसके बाद कांग्रेस समेत पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सहित बड़े नेताओं ने शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी।
शीला दीक्षित कुछ समय से बीमार चल रही थीं, जिसके बाद उन्हें एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को 3 बजकर 5 मिनट पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा और 3.55 बजे उनका निधन हो गया। इसके बाद कांग्रेस समेत पूरे देश में शोक की लहर फैल गई। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सहित बड़े नेताओं ने शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी। शीला दीक्षित सबसे लंबे समय तक तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 1998 से लेकर 2013 तक उन्होंने दिल्ली का शासन संभाला। उनके सम्मान में दिल्ली सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक रखा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शोक जताते हुए कहा कि दीक्षित का शहर के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके आकस्मिक निधन के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है।
शीला दीक्षित को दिल्ली में सड़कों और फ्लाईओवरों के साथ बढ़ते बुनियादी ढांचे के लिए श्रेय दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, जिसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल है, साथ ही स्वास्थ्य और शैक्षणिक क्षेत्र के विकास के लिए भी सराहा जाता है। दीक्षित 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं।
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