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हज यात्रियों के हित में रहा सब्सिडी खत्म करने का फैसला, जल्द होगी हज-2019 की घोषणा

हज यात्रियों के हित में रहा सब्सिडी खत्म करने का फैसला, जल्द होगी हज-2019 की घोषणा
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि हज-2019 की घोषणा अगले कुछ दिनों में कर दी जाएगी और इस संदर्भ में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला हाजियों के हित में रहा, क्योंकि सब्सिडी खत्म किए जाने के बावजूद हज पर पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च नहीं आया।

यहां बुधवार को हज-2018 की समीक्षा और हज-2019 की तैयारियों पर विचार करने के लिए आयोजित बैठक के बाद नकवी ने कहा कि इतिहास में पहली बार वर्तमान हज प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद ही अगले हज की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हज 2019 की घोषणा भी इसी महीने कर दी जाएगी।

आज अंत्योदय भवन में नकवी ने हज-2018 की सफलता के बाद समीक्षा और हज-2019 की तैयारियों के सम्बन्ध में एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमे अल्पसंख्यक मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं हज कमेटी ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी एवं सऊदी अरब में भारतीय दूतावास एवं कांसुलेट के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में 2018 में बिना सब्सिडी के पहली हज प्रक्रिया को हाजियों के हित में पाया गया, बिचौलियों एवं बेईमानी पर रोक का नतीजा रहा कि सब्सिडी खत्म होने के बावजूद हज 2018 गैर जरूरी महंगी नहीं होने दिया गया।

उदाहरण के लिए 2014 में हज के लिए मुंबई का हवाई किराया 63,750 रुपये था वह 2018 में 59,424 रुपये रहा। औरंगाबाद से हज का किराया 2014 में 83,450 रुपये था वह 2018 में 81,929 रुपश्रीनगर से हवाई किराया 2014 में 1,63,350 रुपये था वह 2018 में 1,01,358 रुपये था। नागपुर से किराया 2014 में 81,950 रुपये था वह 2018 में 69,201 रुपये था। गया से किराया 2014 में 1,11,500 रुपये था वह 2018 में 97,473 रुपये था और हैदराबाद से हवाई किराया 2014 में 66,600 रुपये था वह 2018 में 65,832 रुपये था।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि कई वर्षों बाद 2018 हज के लिए हवाई किराए में रिकॉर्ड गिरावट हुई। 2017 में 1 लाख 24 हजार 852 हाजियों के लिए 1030 करोड़ रुपये एयरलाइन्स कंपनियों को हवाई किराये के रूप में दिए गए थे जबकि 2018 में हज कमेटी ऑफ इंडिया के माध्यम से जाने वाले 1 लाख 28 हजार 702 हाजियों के लिए 973 करोड़ रुपये दिए गए जो पिछले वर्ष के मुकाबले 57 करोड़ रुपये कम है।

उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी के खत्म किये जाने के बावजूद इस वर्ष हज यात्रा पर गए भारतीय मुसलमानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने दिया गया और अगले वर्ष के हज के दौरान भी यह सुनिश्चित किया जायेगा की हज यात्रियों पर कोई गैर जरुरी आर्थिक बोझ ना पड़े।

नकवी ने कहा कि हज 2018 सफल-सुगम रहा। आजादी के बाद पहली बार रिकॉर्ड 1 लाख 75 हजार 25 भारतीय मुसलमान हज 2018 के लिए गए। हज 2018 की सफलता के लिए सऊदी अरब की सरकार एवं भारत में सभी सम्बंधित एजेंसियों को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सऊदी अरब हज कांसुलेट, हज कमिटी ऑफ़ इंडिया एवं अन्य सम्बंधित एजेंसियों के साथ मिल कर हज 2018 की तैयारियां समय से दो महीने पहले ही पूरी कर ली थी जबकि हज 2019 की प्रक्रिया तीन महीने पहले शुरू होगी। ताकि अगले हज पर जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो। उन्होंने कहा कि हज यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा, स्वास्थ्य सेवाएं सरकार की प्राथमिकता है और इस सन्दर्भ में किसी भी प्रकार की कमीं नहीं रखी जाएगी।

Updated : 3 Oct 2018 3:31 PM GMT
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Swadesh Digital

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