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सडक दुर्घटनाओं में होने वाली मौत में सुधार नहीं, आत्महत्या की दर बढ़ी : एनसीआरबी रिपोर्ट

सडक दुर्घटनाओं में होने वाली मौत में सुधार नहीं, आत्महत्या की दर बढ़ी : एनसीआरबी रिपोर्ट
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हालिया रिपोर्ट क्राइम इन इंडिया-2018 के अनुसार वर्ष 2018 के दौरान लापरवाही के कारण होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं में 1 लाख 35 हजार 051 मौतें हुईं। आंकड़े बताते हैं कि इस दिशा में पिछले दो वर्षों की तुलना में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

देशभर में 2017 में कुल 1 लाख 34 हजार 803 मौत की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 1 लाख 35 हजार 656 था। हिट एंड रन मामलों में पिछले साल की तुलना में बड़ी वृद्धि देखने को मिली है। 2017 में जहां हिट एंड रन के 43727 मामले सामने आए, वहीं 2018 में इनकी संख्या बढक़र 47028 तक पहुंच गई।

क्राइम इन इंडिया-2018 पर एनसीआरबी की रिपोर्ट के लिए डेटा संग्रह की प्रक्रिया राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों से पुष्टि के साथ जुलाई 2019 से दिसंबर 2019 तक जारी रही। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2018 के दौरान किसान और कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 5,763 लोगों ने आत्महत्या की। क्राइम इन इंडिया-2017 पर एनसीआरबी की रिपोर्ट जारी होने के लगभग तीन महीने बाद सरकार ने वार्षिक डेटा जारी किया है।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2018 में आत्महत्या करने वाले 10,349 व्यक्तियों में से 4,586 कृषि मजदूर थे। एनसीआरबी के आंकड़ों में कहा गया है कि 2018 में देश में कृषि क्षेत्र में आत्महत्या करने वालों की संख्या कुल आत्महत्या करने वालों (1,34,516) की 7.7 फीसदी रही। भारत में जहां 2017 में 1,29,887 आत्महत्याएं हुई थी, वहीं 2018 में इनकी संख्या बढक़र 1,34,516 हो गई।

आत्महत्या की दर भी जहां 2017 में 9.9 फीसदी थी, वह 2018 में बढक़र 10.2 फीसदी हो गई है। 2017 में कुल 10,655 किसानों की आत्महत्याएं दर्ज की गईं। वर्ष 2018 में पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा, चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुदुचेरी में किसान या खेती से जुड़े और खेतिहर मजदूरों द्वारा कोई भी आत्महत्या दर्ज नहीं की गई।

Updated : 9 Jan 2020 12:06 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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