ऐसे समय जब विरोध प्रदर्शन हो रहे, तब पुलिस के हाथ नहीं बांध सकते : SC
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को कुछ राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि एनएसए लगाए जाने के संबंध में पीठ निर्देश देने की इच्छुक नहीं है और वकील एमएल शर्मा से याचिका वापस लेने के लिए कहा।
एनएसए 12 महीने की अवधि के लिए पुलिस को बिना मुकदमे के किसी शख्स को हिरासत में रखने का अधिकार देता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे समय में जब विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, अधिकारियों के हाथ कैसे बांधे जा सकते हैं। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने यह भी कहा, यह कानून-व्यवस्था का मुद्दा है। हम कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं?
अदालत ने कहा कि यह सरकार को एनएसए लागू करने से रोकने के लिए एक सामान्य निर्देश पारित नहीं कर सकती, लेकिन यह अधिकारियों द्वारा एनएसए के दुरुपयोग के व्यक्तिगत मामलों में निश्चित रूप से कुछ कर सकती है अगर उनके संज्ञान में लाया जाए। अदालत ने पाया कि याचिका में सरकार को किसी को भी गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा, हम ऐसा कैसे कर सकते हैं? याचिका को वापस लें और हम आपको अधिकार के दुरुपयोग के व्यक्तिगत मामलों का हवाला देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता देते हैं.. लेकिन इस तरह से नहीं।
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