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हाट बाजार में हीरामन तोता और कछुआ बेचते दो लोग पकड़े

हाट बाजार में हीरामन तोता और कछुआ बेचते दो लोग पकड़े
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विलुप्त प्रजाति के दस हीरामन तोता और तीस कछुआ जब्त


ग्वालियर, न.सं. वन्यजीवों को बंधक बनाकर रखना और उनका क्रय-विक्रय करना प्रतिबंधित है। बावजूद इसके कुछ लोग इनका खुलेआम व्यापार करते हैं। वन विभाग ने सोमवार को ऐसे ही दो लोगों को पकड़कर उनके पास से विलुप्त प्राय: वन्यजीवों में शामिल 10 हीरामन तोता और 30 कछुआ जब्त किए हैं। दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को वन संरक्षक विक्रम सिंह परिहार को सूचना मिली कि फालका बाजार से आगे हाट बाजार के पास भैंस मंडी, लश्कर में दो दुकानों पर विलुप्त प्राय: पक्षियों और जलजीवों को बेचने का कारोबार लम्बे समय से किया जा रहा है। इस पर पुलिस बल के साथ सहायक वन संरक्षक जी.के. चंद को कार्रवाई के लिए भेजा गया। श्री चंद ने पूर्वान्ह करीब 11 बजे उक्त दोनों दुकानों पर अचानक छापामार कार्रवाई की। यहां आरिफ खान की दुकान से कालीधारी वाले 13 कछुआ और 10 हीरामन तोता तथा सलीम पुत्र बाबू खान की दुकान से कालीधारी वाले 17 कछुआ जब्त करने के साथ ही दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया गया। बताया गया है कि हीरामन तोता और कछुआ दोनों न केवल विलुप्त प्राय: वन्यजीवों की सूची में शामिल हैं बल्कि यह दोनों वन्यजीव शैड्यूल-1 की श्रेणी में भी आते हैं।

वन विभाग ने आरोपी आरिफ और सलीम के विरुद्ध भारतीय वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज कर दोनों को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। जब्त किए गए कछुआ व तोता फिलहाल गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) को सुपुर्दगी में दे दिए गए हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद इनको उचित स्थान पर स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ा जाएगा। इस कार्रवाई में वन परिक्षेत्र अधिकारी ग्वालियर दौजीराम जाटव सहित अन्य वन कर्मचारी एवं पुलिस बल शामिल रहा।

श्योपुर व गुना से तोता और चम्बल से लाए जाते हैं कछुआ

सहायक वन संरक्षक जी.के. चंद ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि चम्बल नदी में मछली पकड़ने वाले मछुआरों से वे कछुआ दो-दो रुपए में खरीदते थे और 500 से 2000 रुपए में बेचते थे, जबकि हीरामन तोता श्योपुर व गुना में बहुतायत में पाए जाते हैं, जहां से बहेलिया इनको पकड़कर आरोपियों को 100-100 रुपए में दे जाते थे, जबकि आरोपी हीरामन तोतों को 500 से 600 रुपए में बेचते थे। श्री चंद के अनुसार ज्यादातर हीरामन तोता श्योपुर जिले में स्थित आमेठ नामक स्थान से पकड़कर लाए जाते थे।

Updated : 13 March 2018 12:00 AM GMT
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