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विमानों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

विमानों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
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तुलसी सरोवर में किया डोलो ने जल विहार

अशोकनगर, ब्यूरो। जल झूलनी ग्यारस का पर्व जिले भर में मनाया गया। इस दौरान डोलों में बिठाकर भगवान को जल विहार कराया गया। शहर में भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष सभी मंदिरों से विमान निकाले गए। भगवान विमानों मेंं विराजमान होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होकर निकले। मंदिरों से विमान भजन मण्डली के साथ पुराना बाजार राजराजेश्वर महादेव मंदिर होते गांधी पार्क और सराफा बाजार स्थित बड़े मंदिर पर एकत्रित हुए। जहां से परम्परानुसार विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई और इसके बाद विमानों का चल समारोह शुरू हुआ। जिसमें अलग-अलग भजन मण्डिलियां विमानों के आगे भजन कीर्तन करतीं हुईं चल रहीं थीं तो वहीं कलाकार भी अपने-अपने करतब दिखाते हुए चल रहे थे।

श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ जयकारे की गूंज सुनाई दे रहीं थी। करीब तीन दर्जन से अधिक विमान कतारवद्ध होकर सराफा बाजार स्थित बड़े मंदिर से सुभाषगंज, रेलवे स्टेशन रोड़ होते हुए गांधी पार्क पर पहुंचे। यहां फुट ओव्हर ब्रिज से होते हुए विमान पछाड़ीखेड़ा रोड़ पहुंचे। पछाड़ीखेड़ा मार्ग पर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों के आगे विमानों की बड़े श्रद्धाभाव के साथ आरती उतारी और मौसमी फल अर्पित किए। वहीं छोटे-छोटे बच्चे विमानों के नीचे से निकल कर भगवान से दीर्घायु और प्रगति की प्रार्थना करते हुए विमानोत्सव में चल रहे थे। देर सायं विमानों का चल समारोह विमानों के चबूतरे पर पहुंचा। जहां डोलों में बैठे भगवान के सभी डोलो को चबूतरे पर रखकर श्रद्धालुओं द्वारा पूजन आरती की गई। तत्पश्चात विमानों को जल विहार कराया गया। इस आयोजन में शहर ही नहीं गांवों से भी भारी तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए। शहर में दोपहर बाद जैसे ही विमानों का चल समारोह शुरू हुआ तो शहर की सड़कों पर आस्था और श्रद्धा का जन सैलाब उमड़ता दिखाई दिया। प्रशासन द्वारा विमानोत्सव को लेकर पूर्व से ही तैयारियां की गईं थीं। यहां तक की शहर में आवागमन और वाहनों की आवाजाही के लिए मार्गों में आशिंक बदलाव भी किया गया। इसके साथ ही विमानों के चबूतरे से लेकर तुलसी सरोवर तक व्यवस्थाएं बनाईं गईं थीं। कले भगवान


निज संवाददाता-
बहादुरपुर। डोल ग्यारस के अवसर पर कस्बे में परंपरागत रूप से भगवान विमान में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले। पुराना बाजार के प्राचीन रामजानकी मंदिर से प्रारंभ होकर डोल बीजासन माता मंदिर, हीरामन बाबा, सिद्धेष्वर महादेव मंदिर पर अल्पविश्राम लेते हुए रामलीला मंच पर पहुंचे। जहां पंचमुखी हनुमान मंदिर से निकलने वाले विमान के साथ श्रीजी का मिलन हुआ। रामलीला मैदान में इस दौरान स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस के बाद डोलों की शोभायात्रा कैथन नदी के घाट पर पहुंची। जहां भगवान का जलविहार कराया गया। घाट के गणेश मंदिर पर विमानों की आरती की गई। इस दौरान अंचल से बड़ी संख्या में ग्रामीण कार्यक्रम देखने पहुंचे।

अथाईखेड़ा में निकले विमान
-निज संवाददाता-
अथाईखेड़ा। फूल डोल ग्यारस पर रामजानकी मंदिर से डोल निकले जिसमें बड़ी संख्या में शामिल श्रद्धालु भजन कीर्तन करते हुए चल रहे थे। इस दौरान डोल गांव के विभिन्न मार्गों से होते हुए बस स्टैंड से निकले जहां लोगों ने घरों से निकलकर डोल में विराजे गणेशजी की आरती उतारकर ऋ तु फल भेंट किए और आराधना की। बाद में डोल डोलिया नदी पर पहुुंचे, जहां विसर्जन किया गया। विमानों के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी चलते रहे।

बेलन नदी में हुआ जल विहार
निज संवाददाता-
सेहराई। डोल ग्यारस पर कस्बे के गढ़ी स्थित श्रीनरसिंह मंदिर से विमान शुरू हुये, जो कस्बे के विभिन्न मार्गों से होते जल विहार के लिये बेलन नदी पहुंचे। इस बीच श्रद्धालुओं की टोली भजन-संकीर्तन करती हुई चल रही थी। विमान में विराजे भगवान की जगह-जगह पूजा अर्चना कर आरती उतारी गई। वही बच्चे भी विमान के नीचे निकल कर आशीष ग्रहण कर रहे थे। यहां हर वर्ष की तरह स्थानीय गायक कलाकारों द्वारा कार्यक्रम में धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर विमान उत्सव को आनंदित किया।a

Updated : 3 Sep 2017 12:00 AM GMT
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