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कर्मचारियों की अलमारियों में बंद मिलीं वर्ष 2008 तक की अंकसूचियां

कर्मचारियों की अलमारियों में बंद मिलीं वर्ष 2008 तक की अंकसूचियां
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-मुख्यमंत्री की कार्रवाई के बाद किया निरीक्षण, खुली पोल, नोटिस जारी
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आए दिन छात्र-छात्राओं को विवि में परेशान होना पड़ता है। लेकिन उसके बाद भी अधिकारी व कर्मचारी छात्रों की परेशानी को गंभीरता से नहीं लेते, जिस कारण कहीं छात्र आत्महत्या के कदम उठा रहे हैं तो कहीं छात्र सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। जिसका एक उदाहरण विगत दिवस ही देखने को मिला था, जब एक छात्र पिछले डेढ़ वर्ष से अपनी अंक सूची के लिए परेशान हो रहा था। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची और वहां से विवि पर कार्रवाई की गई। इसी के चलते गुरूवार को जीवाजी विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कुलाधिसचिव प्रो. आर.जे. राव, उपकुलसचिव प्रो. आई.के. मंसूरी, सहायक कुलसचिव यू.एस. सालसेकर एवं सांख्यिकी अधिकारी प्रदीप शर्मा के साथ परीक्षा विभाग का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों की अलमारियों को भी देखा गया, जिसमें वर्ष 2008 तक की छात्रों की अंकसूची रखी हुई थीं। जिसे देख कुलपति ने कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि यहां अंकसूचियां अलमारियों में भरी हुई हैं और छात्र अंकसूची के लिए परेशान होते रहते हैं।

तुम लोगों की लापरवाही के कारण छात्रों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें की जाती हैं, जिससे विवि की छवि खराब होती है। उन्होंने सेक्शन आॅफिसर को भी फटकार लगाते हुए कहा तुम मुंह तो बहुत चलाते हो कुछ काम भी कर लिया करो, जब टाइम लिमिट की बैठक में अंकसूचियों की जानकारी मांगी जाती है तब तो कोई जबाव नहीं आता। इस पर कर्मचारी अपने बचाव के लिए तरह-तरह के तर्क देने लगे। लेकिन कुलपति ने अधिकारियों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों को भी समय-समय पर विभाग का निरीक्षण करना चाहिए और अगर कोई लापरवाही कर रहा है तो उसकी जानकारी मुझे दी जाए। इसके बाद कुलपति ने संबंधित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।

कुलपति पहुंची सर्विस प्रोवाइडर केन्द्र, महिला कर्मचारी को हटाया

जीवाजी विवि में बने आंचलिक केन्द्र में पदस्थ महिला सर्विस प्रोवाइडर की मिल रही शिकायतों के बाद गुरूवार को कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने उसे हटा दिया है। आंचलिक केन्द में तैनात कर्मचारियों ने कुलपति से शिकायत की थी कि महिला सर्विस प्रोवाइडर के कक्ष में कोई पुलिसकर्मी आए दिन आता रहता है, जब उससे पूछा जाता है तो वह कर्मचारियों के साथ गाली गलौच कर मारपीट करता है। जिस पर शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने गुरूवार को आंचलिक केन्द्र का निरीक्षण कर महिला सर्विस प्रोवाइडर को हटा दिया।

Updated : 4 Aug 2017 12:00 AM GMT
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