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अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष से इस्तीफा लेगी पार्टी!

अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष से इस्तीफा लेगी पार्टी!
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जिलाध्यक्ष की अनुशंसा के बिना मोर्चा अध्यक्ष की नियुक्ति को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने भी माना गलत
ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा द्वारा भेजे गए तीन सदस्यीय पैनल के बाहर से मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सूरज कैरो द्वारा की गई धर्मेन्द्र आर्य की नियुक्ति को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान ने भी गलत माना है। ग्वालियर में पूर्व में जिलाध्यक्ष की अनुशंसा के बिना हुई भाजयुमो जिलाध्यक्ष की नियुक्ति पर पार्टी ने युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष से इस्तीफा ले लिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि पार्टी अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र आर्य की नियुक्ति में भी इस तरह का निर्णय लेकर, उनसे इस्तीफा लेगी।

उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष राज चड्ढा के कार्यकाल में उनकी अनुशंसा के बिना पार्टी ने उनके द्वारा भेजे गए पैनल के बाहर से भाजयुमो जिलाध्यक्ष के पद पर राकेश जादौन की नियुक्ति कर दी थी। श्री चड्ढा ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई तो पार्टी ने श्री जादौन से इस्तीफा ले लिया था। वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा का कहना है कि उनके द्वारा महानगर में सक्रिय अनुसूचित जाति मोर्चा के सक्रिय कार्यकर्ताओं संतोष गोडयाले, मानसिंह शाक्य और गब्बर जाटव के नामों का पैनल मोर्चा जिलाध्यक्ष के लिए भेजा था। लेकिन मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सूरज कैरो ने उनके पैनल को दरकिनार कर पूर्व विधायक कमलापत आर्य के भतीजे धर्मेन्द्र आर्य को अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया। श्री शर्मा के अनुसार इस तरह की नियुक्ति पार्टी संविधान के विपरीत है। नियुक्ति के बाद श्री शर्मा ने प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन महामंत्री सुहास भगत, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अन्य वरिष्ठ नेतृत्व के समक्ष इस नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। तीन दिन पूर्व ग्वालियर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रदेशाध्यक्ष श्री चौहान के समक्ष एक बार फिर से जिलाध्यक्ष एवं उनकी टीम ने इस नियुक्ति को गलत बताते हुए निरस्त करने की मांग रखी। स्थानीय पदाधिकारियों ने पार्टी द्वारा राकेश जादौन की नियुक्ति के दौरान लिए गए निर्णय के समान ही अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष से इस्तीफा लेकर उनके द्वारा भेजे गए पैनल से पुन: अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष नियुक्त करने की मांग रखी। प्रदेशाध्यक्ष श्री चौहान ने इस नियुक्ति को गलत तो माना, लेकिन धर्मेन्द्र आर्य को पद से हटाने अथवा इस्तीफा मांगे जाने के संबंध में कुछ नहीं कहा।

सामंजस्य के अभाव में पार्टी को होगा नुकसान

भाजपा अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष की ऊपर से हुई नियुक्ति का नुकसान भाजपा को होना तय है। धर्मेन्द्र आर्य के मोर्चा जिलाध्यक्ष रहते अगर जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा से सामंजस्य नहीं बैठा तो पार्टी के स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों में अजा मोर्चा की भूमिका असमंजसपूर्ण होगी। वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जाति और जनजाति के कार्यकर्ताओं को केन्द्रित कर अपने कार्यक्रम तय कर रही है। अजा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप रही है। ऐसे में मोर्चा के जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर ऊपर से नियुक्ति हो जाने से न तो मोर्चा के कार्यकर्ताओं से और न ही पार्टी जिलाध्यक्ष से नव नियुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष की पटरी बैठेगी। मोर्चा के सक्रिय कार्यकर्ताओं में आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि धर्मेन्द्र आर्य का नाम ग्वालियर महानगर की सक्रिय सदस्यता की सूची में नहीं हैं। न ही उनके द्वारा पार्टी की आजीवन सहयोग निधि जमा कराई गई है। ऐसे में इस नियुक्ति को निरस्त नहीं किया या तो स्थानीय स्तर पर पार्टी को नुकसान होना तय माना जा रहा है।

Updated : 30 Aug 2017 12:00 AM GMT
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