Home > Archived > 'करो या मरो' नारा किसने दिया, विकल्पों में नहीं महात्मा गांधी का नाम

'करो या मरो' नारा किसने दिया, विकल्पों में नहीं महात्मा गांधी का नाम

करो या मरो नारा किसने दिया, विकल्पों में नहीं महात्मा गांधी का नाम
X


अमेठी। कांग्रेस के गढ़ अमेठी में पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में बीजेपी द्वारा परीक्षार्थियों को दिए गए प्रश्न पत्र में सवाल रखा गया कि 'करो और मरो' का नारा किसने दिया’। लेकिन उत्तर के चार विकल्प नामों में महात्मा गांधी का नाम न लिखे जाने से कांग्रेस अब बीजेपी पर हमलावर हो गई है।

1942 में बाम्बे के अधिवेशन में दिया था नारा

गौरतलब रहे कि महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा वर्ष 1942 में बॉम्बे में अखिल भारतीय कांग्रेस की बैठक को सम्बोधित करते हुए दिया था। मक़सद केवल ये था कि इस नारे के बलबूते ब्रिटिश साम्राज्य का पतन किया जा सके। अंत में देश के लोग इसी नारे के तहत जब एकजुट होकर लड़े तो ब्रिटिश साम्राज्य को घुटने टेकने पड़े।

प्रश्न पत्र का सवाल न. 24 सवालों के घेरे में

शनिवार 26 अगस्त को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी पर बीजेपी जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाण्डेय के नेतृत्व में जनपद में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जनपद में कुल 78 परीक्षा केंद्र बनाए गए जिसमें 13820 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 100 प्रश्नों वाला पेपर जब प्रतिभागियों को दिया गया तो हड़कंप मच गया। इस पेपर में प्रश्न संख्या 24 पर लिखा गया था कि करो या मरो का नारा किसने दिया ? इसके उत्तर में चार नाम दर्शाए गए थे। जिनमें बाल गंगाधर तिलक, स्वामी दयानन्द, लाला लाजपत राय और राम प्रसाद बिस्मिल का उल्लेख था।

कांग्रेस को जैसे ही ये भनक लगी तो कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी केवल हमारी कापी कर रही है। राजीव गांधी की याद में हम सभी निबंध प्रतियोगिता आयोजित करते थे जिसे देख कर बीजेपी ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रही है। दीपक सिंह ने कहा कि बीजेपी इतिहास और लोकतंत्र दोनों मिटाने में लगे होने के साथ साथ बच्चों के अंदर भ्रम पैदा करने में जुट गई है।

Updated : 27 Aug 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top