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हिन्दू दर्शन में गुरु का स्थान परमात्मा से भी ऊपर

हिन्दू दर्शन में गुरु का स्थान परमात्मा से भी ऊपर
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-राष्ट्र सेविका समिति ने मनाया गुरु पूर्णिमा उत्सव

ग्वालियर। हिन्दू दर्शन में गुरु का स्थान परमात्मा से भी ऊपर बताया गया है। गुरु वह है, जो देश, काल, परिस्थिति के अनुसार अपने शिष्य में संवेदनाओं का निर्माण करता है, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाकर जीवन को सार्थक और सकारात्मक दृष्टि प्रदान करता है। यह विचार राष्ट्र सेविका समिति की विभाग संपर्क प्रमुख डॉ. कल्पना शर्मा ने रविवार को नई सड़क स्थित राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के विवेकानंद सभागार में आयोजित राष्ट्र सेविका समिति के गुरु पूर्णिमा उत्सव में मुख्य वक्ता की आसंदी से व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती मायासिंह ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मृदुला बिल्लोरे, अधिष्ठाता कृषि संकाय, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय उपस्थित थीं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती मायासिंह ने कहा कि महिलाओं को यह प्रण लेना होगा कि वे अपने परिवार में बेटा-बेटी दोनों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप तैयार करेंगी, ताकि हमारे बेटा-बेटी समाज के हित में कार्य करें और समाज को उन पर गर्व हो। श्रीमती सिंह ने कहा कि सरकारी योजनाओं में सजग महिलाओं की सहभागिता आवश्यक है। मुख्य अतिथि डॉ. मृदुला बिल्लोरे ने कहा कि वर्तमान समय आत्मावलोकन का है। हम पतन की ओर न जाकर उत्थान की ओर जाएं अन्यथा जीवन में निरंतरता रहेगी, लेकिन गुणवत्ता और पवित्रता नहीं आ पाएगी। प्रारंभ में बड़ी संख्या में उपस्थित बहनों ने भगवा ध्वज लगाया, जिसे राष्ट्र सेविका समिति ने अपना गुरु माना है, के चरणों में समर्पण करके गुरु पूजन किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती गरिमा चौपड़ा ने किया। अतिथियों का परिचय श्रीमती प्रेमा केलकर ने दिया। गीत मयूख तारे ने प्रस्तुत किया। अंत में आभार प्रदर्शन श्रीमती महिमा तारे ने किया।

Updated : 31 July 2017 12:00 AM GMT
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