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अजीत डोभाल ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने जाएंगे चीन

अजीत डोभाल ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने जाएंगे चीन
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नई दिल्ली।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल आगामी 27 और 28 जुलाई को ब्रिक्स बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन (बीजिंग) जाएंगे। एनएसए डोभाल का यह दौरा दोनों पड़ोसियों के बिगड़ते द्विपक्षीय संबंधों के मध्य हो रहा है।

कल गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की थी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के एनएसए की बैठक के इतर डोभाल की किसी चीनी नेता या सीमा वार्ता के विशेष प्रतिनिधि के साथ बैठक होगी या नहीं। वहीं दूसरी ओर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने डोकलाम विवाद पर राज्यसभा में जानकारी दी। विदेश मंत्री ने चीन को करारा जवाब देते हुए कहा, 'दोनों देशों के बीच बातचीत होती रहे| इसीलिए दोनों देश डोकलाम से अपनी सेना हटाएं।'

दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं। करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है। इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है। ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है। चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग। चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है। इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने। भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है। चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है। 16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है।

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Updated : 21 July 2017 12:00 AM GMT
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