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मैक्स अस्पताल मामला: बच्चे की मौत पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज

मैक्स अस्पताल मामला: बच्चे की मौत पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
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नई दिल्ली। राजधानी के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में डॉक्टरों ने जिस बच्चे को लापरवाही से मृत बताकर परिजनों को सौंप दिया था, उसकी बुधवार को मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस ने इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी को गैर-इरादतन हत्या का मामला मानते हुए इसे धारा 304 में तबदील कर दिया।

मैक्स अस्पताल से लाए जाने के बाद बच्चे को इलाज के लिए पीतमपुरा के अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मौत की सूचना मिलते ही तोड़फोड़ व उपद्रव की आशंका के चलते पुलिस को मैक्स अस्पताल के आस-पास तैनात कर दिया गया है। वहीं परिजनों व उनके समर्थकों ने पोस्टमार्टम के बाद बच्चे का शव लेने से इनकार कर दिया।परिजन मैक्स अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई व डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

मामले में परिवार वालों ने मैक्स अस्पताल व डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही की शिकायत की थी। पुलिस ने मामले में कानूनी राय लेने के बाद पहले गैर इरादतन हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया था। मौत के बाद अब इसे गैर इरादतन हत्या में तब्दील कर दिया है। मामले के तूल पकड़ने पर मैक्स अस्पताल ने रविवार रात को दो डॉक्टरों एपी मेहता व विशाल गुप्ता को बर्खास्त कर दिया था।

छह दिन से जिंदगी और मौत की लड़ाई हारा नवजात

बच्चे की मां वर्षा को उम्मीद थी कि उसके बेटे को डॉक्टर बचा लेंगे। जो पिछले छह दिनों से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था। बुधवार दोपहर करीब सवा 12 बजे अग्रवाल नर्सिंग होम में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि 30 नवंबर को मैक्स अस्पताल में वर्षा ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। जिन्हें बाद में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर शवों को पोलिथिन में लपेट कर परिजनों को सौंप दिया था। नवजात शिशुओं में से एक में जीवन लक्षण मिले और उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जुड़वा बच्चों में से बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

डॉक्टर पैनल और विडियाग्राफी में होगा पोस्टमार्टम

सफदरजंग अस्पताल में बुधवार शाम को बच्चे के शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टर पैनल ने किया। परिजनों की मांग के चलते पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी भी हुई।

नहीं लिया बच्चे का शव

परिजनों का कहना है कि उनके यहां पर देर शाम को अन्तिम संस्कार नहीं होता है। जबकि अस्पताल वालों ने शाम करीब साढ़े पांच बजे बच्चे का पोस्टमार्टम किया। दूसरी तरफ उनका यह भी कहना है कि वह बच्चे का शव अभी नहीं लेना चाहते हैं। जब तक अस्पताल प्रशासन व डॉक्टरों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है। वह दिल्ली पुलिस,दिल्ली सरकार और ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल से जल्द से जल्द आरोपियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन चाहते हैं। वह इस लड़ाई को कोर्ट तक ले जाएंगे।

दूसरे बच्चे की शक्ल नहीं देख पाई वर्षा

मैक्स अस्पताल में भर्ती वर्षा को करीब डेढ बजे बच्चे की मौत होने की बात परिजनों ने बताई। जिसके बाद वर्षा की तबीयत बिगडऩे लगी। वर्षा अपने बेटे को एक बार देखने के लिए डॉक्टरों और नर्सों से कहती रही। परिजनों ने भी वर्षा की हालत को देखते हुए बच्चे की शक्ल नहीं दिखाया। वर्षा ने अस्पताल के बाहर आकर अपने परिजनों से मिलने की कोशिश भी की थी। लेकिन उसे बाहर नहीं आने दिया।

वर्षा अगर बाहर आती तो शायद हंगामा हो सकता था। बच्चे की मौत के बाद वर्षा की तबीयत भी बिगडऩे लगी है। परिजनों ने बताया कि अस्पताल के बाहर बैनर लेकर शांतिपूर्वक तरीके से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर नारेबाजी की थी। जिसमें अस्पताल में भर्ती मरीजों का भी साथ मिला।

वर्षा को शाम को अचानक डिस्चार्ज किया

अस्पताल के बाहर हंगामा होता देखकर अचानक परिजनों को अस्पताल प्रशासन ने संपर्क कर बताया कि वर्षा की तबीयत ठीक है। उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्षा को उसके परिजन पुलिस की निगरानी में पिछले दरवाजे से बाहर लाए और कार से घर ले गए।

सीबीआई का हस्ताक्षेप चाहेगें जल्द-परिजन

परिजनों का कहना है कि अगर सप्ताह भर में अस्पताल पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई और डॉक्टर गिरफ्तार नहीं होते हैं तो वह सीबीआई की मांग करेगें। आज दूसरे बच्चे की मौत के बाद एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस की अस्पताल के बाहर सुरक्षा के लिए तैनाती की गई है। मौत से क्षुब्ध परिजनों ने अस्पताल के सामने नारेबाजी की।

Updated : 7 Dec 2017 12:00 AM GMT
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