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2018 में ‘वन ड्राप मोर क्राप’ को सफल बनायेगी योगी सरकार

2018 में ‘वन ड्राप मोर क्राप’ को सफल बनायेगी योगी सरकार
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लखनऊ। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने योगी सरकार के 09 महीने कार्यकाल को नीतिगत फैसले लेने का कार्यकाल बताया। कहा कि आने वाले नये वर्ष 2018 में मोदी व योगी सरकार के नेतृत्व में पूरे देश में और भी बेहतर विकास कार्य किया जायेगा।

माल एवेन्यू स्थित अपने सरकारी आवास पर शनिवार को आंग्ल नववर्ष की बधाई देते उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग में चहुमुखी विकास दिखाई देने लगा है। योगी सरकार आम आदमी के लिये समर्पित है। कृषि को बढ़ावा और सिंचाई क्षेत्र में सुधार करने के लिये भरपुर प्रयास किये जा रहे हैं। केन्द्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिये प्रतिबद्ध है। वहीं सूख चुकी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिये भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।

‘वन ड्राप मोर क्राप’ के तर्ज पर होगा कृषि क्षेत्र में विकास

मंत्री ने बताया किसानों की आय दोगुना करने व ‘वन ड्राप मोर क्राप’ को सफल बनाने के लिये उत्तर प्रदेश के 33 हजार राजकीय नलकूपों पर ड्रिप स्प्रिंकलर लगाने का निर्णय लिया गया है। माॅडल के रुप में प्रत्येक नलकूप पर एक हेक्टेयर जमीन इस योजना से सिंचित की जायेगी। वहीं 250 लिफ्ट कैनाल का ड्रिप इनीगेशन का प्रबंध भी किया जायेगा। बताया कि जनपद पौड़ी में रामगंगा बांध व सैंडिल बांध के गेटों को पूरी तरह स्वचालित करा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर खेत में पानी पहुंचाने के लिये 20 हजार करोड़ के सिंचाई फंड की स्थापना का कार्य तेजी पर है, जल्द ही इसका लाभ किसानों को मिलेगा। बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को शनिवार के दिन भी कार्यालय खोलने का निर्देश जारी कर दिया गया है।

सिंह ने बताया कि सहभागी सिंचाई प्रबंधन अधिनियम 2009 के अंतर्गत जल उपभोक्ता समितियों का चुनाव कराया जायेगा, जिसमें कुलाबा समिति, अल्पिका समिति और राजवाहा समिति का चुनाव कराया जायेगा। बताया कि इन चुनावों को आगामी वर्ष के जून महीने में करा दिया जायेगा। प्रदेश में चल रही चार राष्ट्रीय परियोजनाएं जिसमें मध्य गंगा नहर परियोजना, सरयू नहर परियोजना, बाण सागर परियोजना व अर्जून सहायक परियोजना के लिये वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।

नदियों को संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता

धर्मपाल ने कहा कि सरकार ने नदियों के संरक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। प्रत्येक जनपद में एक नदी या जल स्रोत के पुर्नजीविकरण का काम करेगी। यह कार्य मनरेगा व जन सहभागिता के द्वारा कराया जायेगा। बताया कि गंगा, रामगंगा, घाघरा, सरयू, गंडक, और राप्ती नदियों की बाढ़ सुरक्षा व घाट निर्माण, तीर्थ स्थलों की पवित्रता के कार्य को अंजाम देने के लिये बेहतर तरीके से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जनपद बरेली में अरिल नदी, बदायू की सांत नदी व पीलीभीत से निकली गोमती नदी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य चिन्हित कर लिया गया है। नहरों की सफाई की निगरानी ड्रोन कैमरे से करायी जायेगी और शिथिल अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जायेगी। नहरों की सिल्ट सफाई कार्य के उपरान्त जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही भुगतान होगा। वहीं उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान भी किया जायेगा।

Updated : 30 Dec 2017 12:00 AM GMT
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