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वायुसेना ने एचएएल से मांगे 83 तेजस विमान

वायुसेना ने एचएएल से मांगे 83 तेजस विमान
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नई दिल्ली। लड़ाकू विमान स्क्वाड्रनों की घटती संख्या का सामना कर रही वायुसेना ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 83 तेजस विमान हासिल करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया है। तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) हैं और वायुसेना 40 विमानों का आॅर्डर पहले ही एचएएल को दे चुकी है। खरीद से संबंधित फैसले लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई रक्षा खरीद परिषद ने पिछले साल नवंबर में 50,025 करो़ड़ रुपये की लागत से वायुसेना के लिए 83 तेजस मार्क 1ए विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस सौदे पर आगामी पांच महीनों में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इन 83 विमानों में से 10 का इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा।

10 वर्षों में 14 स्क्वाड्रन होंगी रिटायर

आधिकारिक आंक़डों के मुताबिक, अगले 10 वर्षों में मिग-21, मिग-27 और मिग-29 की 14 स्क्वाड्रन वायुसेना से रिटायर हो जाएंगी। लिहाजा वायुसेना की वर्तमान 33 स्क्वाड्रनों की संख्या 2027 तक घटकर 19 रह जाएगी। जबकि 2032 तक यह संख्या सिर्फ 16 रह जाएगी। पिछले दिनों एचएएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक टी. सुवर्ण राजू ने बताया था कि वायुसेना की मांग पर तेजस में 42 सुधार किए गए हैं। उनका कहना था, 'तेजस 4.5वीं पी़ढी का विश्वस्तरीय ल़़डाकू विमान है। हम इसके विभिन्न मानकों में और सुधार कर सकते हैं। हमें तेजस पर गर्व है। हर भारतीय को भी तेजस पर गर्व होगा।'

30 वर्ष है विमान की उम्र

सुवर्ण राजू का कहना था कि तेजस हर उम्मीद पर खरा उतरेगा। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी अग्रिम मोर्चे के लड़ाकू विमान की तरह इसकी आयु भी कम से कम 30 वर्ष होगी। वायुसेना के पास चौथी पी़ढी के लड़ाकू विमानों को उनकी वैमानिकी, क्षमताओं और हथियार प्रणाली के आधार पर विभिन्न पी़ढियों में विभाजित किया जाता है। वायुसेना के वर्तमान बेड़े में 3.5वीं से चौथी पी़ढ़ी के विमान हैं।

Updated : 22 Dec 2017 12:00 AM GMT
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