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तिल्ली फैक्ट्रियों से फैल रहा प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सरेआम उल्लंघन

तिल्ली फैक्ट्रियों से फैल रहा प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सरेआम उल्लंघन
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-गिरवाई-हरकोटा की तिल्ली फैक्ट्रियों से फैल रहा प्रदूषण
ग्वालियर/ विशेष प्रतिनिधि। गिरवाई और हरकोटा सीर क्षेत्र में नौ तिल्ली फैक्ट्रियां अवैध ढंग से संचालित हैं, बल्कि बिना प्रदूषण लायसेंस के फैक्ट्री संचालन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक का भी सरेआम उल्लंघन हो रहा है। तिल्ली फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी से आसपास के रहवासी बीमार हो रहे हैं। और तो और इस मामले में प्रदूषण विभाग ने भी फैक्ट्री बंद करने एवं विद्युत कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन अपने ही आदेश पर अमल कराने के नाम पर क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह मुंह में गुड़ रखकर बैठे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक ग्वालियर दक्षिण क्षेत्र के हरकोटा सीर एवं गिरवाई में वैसे तो 70-75 फैक्ट्रियां हैं, लेकिन एक दर्जन फैक्ट्रियां तिल्ली की हैं। इन फैक्ट्रियों में बाहर से लाल और मटमेले रंग की तिल्ली आती है, जिसे तेजाब एवं जहरीले कैमीकलों से साफ करने लाखों गैलन पानी बहाया जाता है, जिससे तिल्ली सफेद रंग की होकर महंगे दामों पर बिकती है। लेकिन इन फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषित पानी आसपास के खेतों एवं बस्तियों में भर जाता है, वहीं सभी नाले ओवर फ्लो होकर बहने लगते है। जिससे पूरा क्षेत्र बदबूदार हो जाता है वहीं क्षेत्र में बोरिंग से आने वाला पानी भी प्रदूषित रहता है, जिसे पीने पर बीमारी फैल रही है।

दो भाइयों की हुई मौत

गिरवाई से लगे विरावली गांव में इसी साल के जून माह में तिल्ली फैक्ट्रियों से निकले पानी के कारण दलदल में फंसने से दो भाइयों छोटू और लल्ला की मौत हो गई। मृतकों के चाचा महेश यादव ने बताया कि गंदा और मटमेला पानी आज भी फैक्ट्रियों से निकल रहा है, लेकिन प्रशासन में सुनवाई नहीं है। इसी तरह यहां चाय का स्टॉल लगाने वाली श्रीमती रामश्री बताती हैं कि गंदा पानी जानलेवा हो रहा है, फैक्ट्री वाले पैसे बांटते हैं इसलिए उनपर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। यहीं के लाल सिंह लोधी ने गंदा पानी दिखाते हुए बताया कि तिल्ली घुलने से गंदा पानी आ रहा है यहां तक की बोर का पानी भी दूषित है।

नहीं मिले एनपी सिंह

जब इस मामले में जानकारी लेने के लिए प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह से मोबाइल पर चर्चा करना चाही तो हमेशा की तरह मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। फिर जब उनके दीनदयाल नगर स्थित दफ्तर में मुलाकात करना चाही तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया। इससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं श्री सिंह की भूमिका संदिग्ध है, इसलिए वे इस मामले में बचना चाहते हैं।

इनका कहना है

‘‘हां, प्रदूषण विभाग ने गिरवाई और हरकोटा सीर की तिल्ली फैक्ट्रियों के विद्युत कनेक्शन काटने का पत्र हमें दिया है, लेकिन हम कनेक्शन नहीं काट रहें, क्योंकि फैक्ट्री संचालक बिजली खपत का पैसा जमा करा रहे हैं।’’

संदीप कालरा
उप महाप्रबंधक, कंपू जोन

‘‘यह मामला हमारा नहीं है इसके लिए आप प्रदूषण विभाग से बात करें तो ज्यादा अच्छा होगा।’’

विजयराज
एसडीएम लश्कर

सुखाई जा रही है तिल्ली

आज इस संवाददाता ने हरकोटा सीर और गिरवाई की फैक्ट्रियों का भ्रमण किया तो पाया की सभी तिल्ली फैक्ट्रियों में ट्रकों, मैटाडोर एवं ट्रेक्टर ट्रालियों में भरकर तिल्ली जमा की गई है, जिसे कैमीकल से धोने के बाद फैक्ट्री परिसर में सुखाने के लिए अनेकों महिला एवं पुरूष कर्मचारी लगे हुए थे। इन फैक्ट्रियों को कडेÞ सुरक्षा पहरे में रखा गया है, चारों ओर दीवारें हैं और मुख्य द्वार पर बंदूकधारी गार्ड बैठा रखे हैं। इतना ही नहीं प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

कमेटी करती है चंदा

अवैध ढंग से संचालित फैक्ट्रियों पर छापामार कार्यवाही से बचने के लिए गिरवाई उद्योग संघ नाम से कमेटी का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष पहले अमर माखीजा थे, लेकिन उन्हें हटाकर अब कैलाश तनेजा को अध्यक्ष बना दिया गया है। सरकारी विभागों की कार्यवाही से बचने हाल ही दीपावली पर प्रत्येक फैक्ट्री से मोटा चंदा किया गया, फिर संबंधित विभाग तक लिफाफे पहुंचाए गए । यही कारण है कि यह फैक्ट्रियां निर्भिघ्न संचालित हो रही है।

नोटिस कचरे के ढेर में

प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह ने 1 जुलाई 2017 और 31 जुलाई 2017 को कैलाश इन्डस्ट्री, शीतल इन्डस्ट्री, पारस व्हाइट गोल्ड एग्रों इन्डस्ट्री, जय बाबा इन्डस्ट्री, मूलचंद माधवदास, पवन कुमार बूढ़ा मिल, साईबाबा इन्डस्ट्री, कोहीनूर इन्डस्ट्री और शिवशक्ति तिली मिल को पत्र जारी कर उनकी फैक्ट्रियों को बिना प्रदूषण बोर्ड के लायसेंस के संचालित होना बताया। सर्वोच्च न्यायालय के प्रकरण क्रं. 375/2012 पारित आदेश 7 मार्च 2017 एवं 24 अप्रैल 2017 के अनुपालन में अवैध रूप से संचालित उद्योगों को बंद करने एवं विद्युत कनेक्शन काटने की बात लिखी है। इसमें कहा गया है कि इन उद्योगों ने विद्युत विच्छेद न होने से जल एवं वायु प्रदूषण फैल रहा है। इस पत्र को कार्यवाही के लिए मप्र विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों एवं गिरवाई क्षेत्र से संबंधित कंपू जोन के महाप्रबंधक संदीप कालरा को भी भेजे गए हैं। लेकिन आज तक न तो प्रदूषण विभाग और न ही विद्युत विभाग ने कोई कार्यवाही की है। जिससे तिल्ली फैक्ट्रियों में लगातार काम चल रहा है।

Updated : 26 Oct 2017 12:00 AM GMT
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