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दान, व्रत और पूजन से मिलेगा अक्षय फल

दान, व्रत और पूजन से मिलेगा अक्षय फल
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-मनोकामना पूर्ति योग से मनाई जाएगी आंवला नवमी
ग्वालियर। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि को आंवला नवमीं के नाम से जाना जाता है। आंवला नवमीं का यह पर्व रविवार 29 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार इस बार अक्षय नवमीं पर अमृत और सिद्धी योग होने से मनोकामना पूर्ति योग बन रहा है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर दूध चढ़ाना फलदायी माना जाता है। मान्यता के अनुसार त्रेता युग का आरंभ भी इसी दिन से हुआ था। इस दिन दान और व्रत करने एवं पूजा करने से अक्षय फल प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार आंवला का वृक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने से एवं वृक्ष के नीचे ब्राह्मणों को भोजन कराने से शुभ फल प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जिन जातकों की कुंडली में सूर्य कमजोर है वह दस दिनों तक आंवले के पेड़ के नीचे दीपक लगाएं, ऐसा करने से इच्छापूर्ति होगी और सूर्य ग्रह का फल भी अच्छा मिलने लगेगा।
यह करें इस दिन

ज्योतिषाचार्य के अनुसार धार्मिक मान्यताओं में आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अति प्रिय है क्योंकि इसमें मां लक्ष्मी का भी वास होता है। इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामना पूरी होती हैं। इस दिन जल में आंवले का रस मिलाकर स्रान करने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार आंवले का पूजन सुबह 06.34 से दोपहर 12.10 बजे तक होगा।

Updated : 26 Oct 2017 12:00 AM GMT
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