Home > Archived > लम्बी दूरी की ट्रेनों में बिक रही दूषित सामग्री, 4यात्रियों की सेहत से हो रहा है खिलवाड़

लम्बी दूरी की ट्रेनों में बिक रही दूषित सामग्री, 4यात्रियों की सेहत से हो रहा है खिलवाड़

लम्बी दूरी की ट्रेनों में बिक रही दूषित सामग्री, 4यात्रियों की सेहत से हो रहा है खिलवाड़
X

अवैध वेंडरों ने आपस में बांट रखी हैं ट्रेनें

ग्वालियर। यदि आप ट्रेनों या प्लेटफार्म पर खाद्य सामग्री खरीद रहे हैं तो पहले यह देख लें कि वह ताजी है या नहीं। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बासी और दूषित खाद्य सामग्री बेची जा रही है, जो उनकी सेहत बिगाड़ सकती है। चलती ट्रेनों में भी तो यही दूषित सामग्री दोगुने दामों में भी बेची जा रही है। इस ओर रेलवे प्रशासन का कोई ध्यान नहींं है।

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर बिकने वाले समौसा, ब्रेड पकोड़ा, पकौड़ा आदि बनने के 24 घण्टे बाद तक बेचे जा रहे हैं। रात में तैयार माल दूसरे दिन देर शाम तक बिकता है। वहीं दूसरी ओर स्टेशन पर बिकने वाली हर खाद्य सामग्री के लिए रेल प्रबंधन द्वारा कीमतें एवं मात्रा निर्धारित की गई है। स्टेशन के प्लेटफार्म एवं कैन्टीन पर रेट लिस्ट भी चस्पा रहती है। बावजूद इसके वेंडर तय कीमत से 'यादा दामों पर ट्रेनों में खाद्य सामग्री का विक्रय करते हैं। उधर रेलवे में बगैर अनुमति खानपान की सामग्री विक्रय पर रोक है। मगर निगरानी के अभाव में ट्रेनों में अवैध वेंडरों की भरमार होती जा रही है। कई वेंडर पेंट्रीकार के कर्मचारियों की तरह खाद्य सामग्री बेचने लगे हैं। जिम्मेदार अधिकारी इनकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। इससे यात्रियों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

ट्रेनों का बंटवारा भी किया जाता है
सूत्रों की मानें तो अवैध वेंडरों की गैंग संचालित की जा रही है, जिनके बीच खाद्य सामगी बेचने के लिए ट्रेनों का बंटवारा भी किया जाता है। करीब 50 से 70 वेंडर ट्रेनों में रोज सवार होते हैं, जो डबरा, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, धौलपुर, आगरा से रोज अपडाउन करते हैं।

रेल नीर की जगह बिक रही नकली पानी की बोतल
ट्रेनों में यात्रियों को रेल नीर की जगह अन्य कम्पनियों के पानी की सप्लाई हो रही है। यात्रियों को नकली बोतलें धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। अशुद्ध पानी यात्रियों को 15 से 20 रुपए में बेचा जा रहा है। चूंकि रेल नीर में कमीशन कम है, जिससे वेंडरों को फायदा नहीं हो रहा है।

इसके अलावा यात्रियों को ठंडा पानी भी नहीं मिल पा रहा है। इससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विदित रहे कि रेलवे ने यात्रियों को कम कीमत में शुद्ध पानी पिलाने के लिए रेल नीर मिनरल वाटर बाजार में उतारा है।

अवैध वेंडरों की भरमार
डबरा, ग्वालियर, मुरैना रेलवे स्टेशनों पर इन दिनों अवैध वेण्डरों की भरमार है, जो खुलेआम प्लेटफार्म और ट्रेनों में दूषित भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ट्रेनों में होने वाली चोरी में इन्ही वेंडरों का हाथ होता है क्योंकि इन वेंडरों की खुद की कोई पहचान नहीं होती है, जिससे यात्री भी गुमराह होकर उनके चंगुल में फंस जाते हैं। कभी-कभी तो ऐसी नौबत आ जाती है कि ये अवैध वेंडर अगले स्टेशन तक जाने के लिए यात्रियों के बगल में बैठ जाते हैं और नजर बचाकर उनका सामान पार कर देते हैं।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा
सूत्रों की मानें तो पैंट्रीकार में रेल नीर की सप्लाई 11.50 रुपए में की जाती है और उसकी बिक्री 15 रुपए में होती है। एक बोतल पर रोजाना &.50 रुपए कमीशन मिलता है। वहीं लोकल कम्पनियों की बोतल औसतन 6.50 रुपए में मिल जाती है। पैंट्रीकार संचालक उन्हें ब्रांडेड कम्पनियों की दर पर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। अधिकारियों की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है।

ये कर सकते हैं रोकथाम
आरपीएफ.- ट्रेनों में बगैर पहचान व वैधता के कोई भी व्यक्ति प्लेटफॉर्म पर प्रवेश नहीं कर सकता। आरपीएफ संदिग्धता के अधार पर इन्हें पकड़कर कार्यवाही कर सकती है।
जीआरपी- ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी की है। यदि ट्रेनों में अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश करता है तो जीआरपी इस पर कानूनी कार्यवाही कर सकती है।
वाणिय विभाग- ट्रेन में चैकिंग के दौरान टीटीई यात्रा टिकटों की जांच कर सकते हैं। यदि टिकट हो भी तो खानपान वस्तु विक्रय के विरोध में विभाग में शिकायत कर सकते हैं।

इन्होंने कहा
आरपीएफ द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर अवैध वेंडरों को पकड़ा जाता है। यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।

टी.के. अग्निहोत्री, आरपीएफ निरीक्षक

Updated : 19 Sep 2016 12:00 AM GMT
Next Story
Top